नायरोबी । केन्या में आर्थिक संकट से उबरने के लिए राष्ट्रपति विलियम रूटो ने देश की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए कुछ अहम कर सुधार किए थे। इसके लिए कर अधिनियम 2023 पारित किया था। इस अधिनियम में ब्रेड पर भी 16 फीसदी कर लगाने का प्रावधान किया गया था। इसके खाद्य तेलों, मोबाइल मनी सविर्स और गाड़ियों पर भी भारी-भरकम कर लगाने की बात कही गई थी। लेकिन, केन्या के लोगों को सरकार के ये कर सुधार बिल्कुल पसंद नहीं आए। सरकार के इन कदमों के खिलाफ लंबे समय से केन्या में हिंसक विरोध प्रदर्शन हो रहे थे। इसी को देखते हुए सरकार ने अब प्रस्तावित कुछ करों को वापस लेने का ऐलान किया है।
विवादित कर अधिनियम 2023 के जिस प्रावधान पर सबसे ज्यादा हंगामा मचा है, वो है ब्रेड पर 16 फीसदी टैक्स लगाने का प्रस्ताव। लोगों का कहना है यह भारी-भरकम टैक्स लागू होते ही लोगों के भूखे मरने की नौबत आ जाएगी। केन्या में कॉस्ट ऑफ लिविंग पहले ही बहुत ज्यादा है। ऐसे में ब्रेड पर 16 फीसदी टैक्स लगाना सही नहीं है। इसके अलावा पेट्रोलियम पदार्थों पर भी टैक्स की दर को भी दोगुना करके 16 फीसदी कर दिया गया। खाद्य तेलों पर भी टैक्स में भारी इजाफा किया गया।ये जनता को बिल्कुल पसंद नहीं और पिछले करीब एक साल से केन्या में सड़कों पर हर रोज पुलिस और लोगों के बीच झड़प हो रही थी।आम लोगों के साथ ही केन्या की विपक्षी पार्टियां भी सरकार के कर अधिनियम 2023 का विरोध कर रही हैं।
लंबे समय से चल रहे विरोध प्रदर्शनों में अब तक कई लोग मारे गए हैं और बहुत से घायल हुए हैं। सबसे ज्यादा हिंसक झड़पें राजधानी नैरोबी में हुई। हाल ही में नैरोबी में प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। करीब 200 लोगों को हिरासत में लिया गया। गौरतलब है कि केन्या पर भारी-भरकम कर्ज है। इस समय उस पर 80 बिलियन डॉलर का ऋण है। देश की अर्थव्यवस्था काफी खराब है। महंगाई बढ़ने से लोगों के लिए जीवन-यापन करना बहुत मुश्किल हो रहा है। देश की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए राष्ट्रपति विलियम रूटो की सरकार पर भारी दबाव है। अपनी आमदनी बढ़ाने को सरकार ने नये टैक्स लगाए।