इस राज्य में जन्म प्रमाण पत्र घोटाले का खुलासा, फर्जी दस्तावेजों के जरिए बांग्लादेशी घुसपैठिये बनवा रहे सर्टिफिकेट : रिपोर्ट

देश में बांग्लादेशी घुसपैठिये बेहद बड़ी समस्या बनते जा रहे हैं। इन घुसपैठियों के खिलाफ केंद्र सरकार से लेकर कई राज्यों की सरकारें भी अभियान चला रही हैं। कई बार घुसपैठियों को फर्जी दस्तावेजों के जरिए खुद को भारत का नागरिक बताते हुए पकड़ा जा चुका है। ऐसा ही एक मामला महाराष्ट्र के लातूर से सामने आया है, जहां बांग्लादेशी घुसपैठिए फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनवाकर रह रहे थे। रिपोर्ट्स के अनुसार, इस मामले में पुलिस ने 9 आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।
साथ ही कहा गया है कि सभी आरोपित बांग्लादेशी घुसपैठिये हैं और अवैध रूप से महाराष्ट्र में रह रहे थे। इन लोगों ने फर्जी आधार कार्ड, शपथ पत्र व अन्य जाली दस्तावेज के जरिए जन्म प्रमाण पत्र बनवा लिया है। सामने आई FIR कॉपी के अनुसार, पुलिस ने यह मुकदमा यूसुफ पठान, अनीरूनीसा मोहम्मद, फैमुन्बी अय्यूब मणियार, शाहिदा शौकत कुरेशी, फरहीन तौसीफ, हुसैन गफूर शेख, नाजेरा अब्दुल कुद्दूस, रुखसार मोसीन कुरैशी और मुस्तफा महबूब के खिलाफ दर्ज किया है। बता दें कि इससे पहले भी किरीट सोमैया महाराष्ट्र में अवैध तरीके से रह रहे बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ आवाज उठाते रहे हैं। उन्होंने 22 जनवरी को X पर एक पोस्ट कर अवैध तरीके से रह रहे लोगों का एक आंकड़ा भी जारी किया था। उन्होंने कहा था कि महाराष्ट्र के अकोला जिले में 15845 बांगलादेशी, रोहिंग्या को फर्जी जन्म प्रमाणपत्र देने का घोटाला हुआ है। साथ ही उन्होंने इसकी जांच कराने की भी मांग की थी। इसके अलावा 30 जनवरी, 2025 को सोमैया ने कहा था कि पिछले एक साल में, एक वर्ष से अधिक उम्र वालों के जन्म प्रमाणपत्र बनाने के 214000 आवेदन महाराष्ट्र के विभिन्न जिलों में प्राप्त हुए हैं। इनमें से 123000 प्रमाणपत्र बनाकर दिए जा चुके हैं और 79000 की मंजूरी दी जा चुकी है। उनके इन आरोपों के बाद राज्य सरकार ने इस मामले की SIT जांच कराने के आदेश दिए थे। महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने भी पुष्टि की थी कि SIT पहले जारी किए गए प्रमाणपत्रों और लंबित आवेदनों की जांच करेगी। बावनकुले ने कहा था कि किरीट सोमैया द्वारा जन्म प्रमाणपत्र घोटाले के आरोपों के बाद यह जांच शुरू की गई है।

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