ईरान की चेतावनी से खौफ : होर्मुज स्ट्रेट पर संकट से तेल आपूर्ति पर खतरा, अब क्या होगा आगे ?

  • ईरान ने दिया तेल-मार्ग बंद करने का संकेत
  • भारत-चीन पर बड़ा असर संभव

तेहरान । दुनिया की कुल तेल आपूर्ति में से हर पांचवां टैंकर एक बेहद संकरे जलमार्ग—होर्मुज स्ट्रेट—से होकर गुजरता है। लेकिन अब इस अहम समुद्री रूट पर खतरा मंडरा रहा है। ईरान ने अपने परमाणु ठिकानों पर अमेरिकी हमले के बाद इसे बंद करने की धमकी दी है। यह कदम अगर उठाया गया, तो वैश्विक तेल बाजार से लेकर एशियाई देशों के पेट्रोल पंप तक अफरा-तफरी मच सकती है।

होर्मुज स्ट्रेट फारस की खाड़ी को ओमान की खाड़ी और अरब सागर से जोड़ने वाला 167 किमी लंबा और सबसे संकरा 33 किमी चौड़ा जलमार्ग है। इसके उत्तर में ईरान, और दक्षिण में ओमान तथा यूएई स्थित हैं। यही वह रास्ता है जिससे खाड़ी देशों का लगभग सारा कच्चा तेल दुनिया भर में सप्लाई होता है।

अमेरिकी एजेंसी ईआईए के अनुसार, दुनिया के कुल तेल का 20% इसी रास्ते से गुजरता है। हर दिन करीब 1.78 से 2.08 करोड़ बैरल तेल इस मार्ग से आता-जाता है। इसका 82% हिस्सा एशियाई देशों में जाता है, जिसमें भारत और चीन सबसे प्रमुख आयातक हैं।

13 जून को इजराइल की कार्रवाई और 22 जून को अमेरिकी हमलों के बाद ईरानी संसद ने होर्मुज को बंद करने की मंजूरी दी। ईरान इसे दबाव बनाने की रणनीति और रोकथाम की नीति के तहत देख रहा है। विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने कहा कि ईरान के पास कई विकल्प हैं, हालांकि अंतिम फैसला नेतृत्व करेगा।

होर्मुज स्ट्रेट बंद होने से वैश्विक तेल कीमतों में जबरदस्त उछाल आएगा। अमेरिका से लेकर एशिया तक बिजलीघरों को ईंधन संकट होगा। गैस स्टेशन और पेट्रोल पंपों पर लंबी कतारें लग सकती हैं। भारत और चीन जैसे देशों को वैकल्पिक सप्लायर खोजने होंगे।

भारत का एक बड़ा हिस्सा इराक, सऊदी अरब और यूएई से आयातित तेल पर निर्भर है। होर्मुज बंद होने से कच्चे तेल की कीमतें बढ़ेंगी और सप्लाई में बाधा आ सकती है। हालांकि भारत रूस, अमेरिका और ब्राजील जैसे देशों से भी कच्चा तेल आयात करता है।

ईरान के दो मुख्य विकल्प के जरिये होर्मुज स्ट्रेट को बंद कर सकता है।
पहला सिर्फ 3 किमी की शिपिंग लेन में सी-माइन्स लगाकर शिप्स की आवाजाही रोकी जा सकती है। और दूसरा आईआरजीसी के जरिए मिसाइल, ड्रोन या नावों से जहाजों पर सीधे हमले किए जा सकते हैं।

चीन की बढ़ेंगी मुश्किलें:
ईरान से चीन को निर्यात होने वाले 90% तेल की सप्लाई होर्मुज स्ट्रेट से ही होती है। यह मार्ग बंद हुआ तो चीन की इंडस्ट्री पर बड़ा संकट खड़ा हो सकता है। अमेरिकी विदेश मंत्री ने चीन से अपील की है कि वह ईरान को इस कदम से रोके।

होर्मुज स्ट्रेट का बंद होना न केवल खाड़ी देशों, बल्कि पूरी दुनिया के ऊर्जा संतुलन को हिला सकता है। ईरान का यह कदम आर्थिक आत्महत्या जैसा हो सकता है, पर इसका असर भारत, चीन, अमेरिका और यूरोप सभी पर होगा। अब सबकी नजरें ईरान की अगली चाल और वैश्विक कूटनीतिक प्रतिक्रिया पर टिकी हैं।

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