तेहरान (ईएमएस)। ईरान, रूस सिहित सभी समर्थित देशों ने हमास का जंग में साथ छोड़ दिया है। ईरान ने तो साफ कर दिया है कि इजरायल और हमास की जंग में वह सीधे नहीं उतरेगा। उधर रूस का कहना है कि वह इलाके में एक बड़ी जंग से बचना चाहता है। ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने इस महीने की शुरुआत में हमास प्रमुख इस्माइल हानिया से कहा था कि चूंकि तेहरान को 7 अक्टूबर के विनाशकारी आतंकवादी हमले की पहले से सूचना नहीं दी गई थी, इसलिए वह इजरायल के खिलाफ जंग में शामिल नहीं होगा। बुधवार को ‘तीन वरिष्ठ अधिकारियों’ का हवाला देते हुए एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया कि खामेनेई ने हनिया से कहा था कि ईरान हमास को राजनीतिक समर्थन देगा, लेकिन वह लड़ाई में सीधे हस्तक्षेप नहीं करेगा।
ईरानी नेता ने कथित तौर पर हनिया से हमास में उन आवाजों को भी चुप कराने के लिए भी कहा, जो ईरान और उसके प्रॉक्सी आतंकी समूह हिजबुल्लाह को पूरी ताकत से इजरायल के खिलाफ युद्ध में सीधे शामिल होने के लिए कह रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि हिजबुल्लाह भी इस नरसंहार से घबरा गया है। रॉयटर्स ने लेबनानी चरमपंथी समूह के एक अनाम कमांडर के हवाले से कहा कि ‘हम एक जंग को लेकर सचेत हो गए हैं।’
उधर रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने मीडिया को बताया कि मॉस्को यह नहीं मानता है कि ईरान, लेबनान या हिजबुल्लाह चाहते हैं कि इजरायल-फिलिस्तीन युद्ध एक बड़े क्षेत्रीय संघर्ष में बदल जाए। इस बात को लेकर चिंता बनी हुई है कि इजरायल और फिलिस्तीनी आतंकवादी समूह हमास के बीच लड़ाई से मध्य पूर्व में व्यापक युद्ध छिड़ सकता है। इजरायल के रक्षा मंत्री ने गाजा में इजरायल के अभियान के समान लेबनान की राजधानी बेरूत पर बमबारी करने की धमकी दी है, जबकि कुछ अमेरिकी लोगों ने ईरान पर हमले की अपील की है। हालांकि मॉस्को का मानना है कि लेबनान या ईरान में किसी बड़े संघर्ष की कोई इच्छा नहीं है।