
कानपुर। दर्शन के बहाने घर से निकलने के बाद कार के अंदर बीवी की बेरहमी से हत्या करने वाले दारोगा को अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। सबूतों के अभाव में कोर्ट ने पांच आरोपियों को बरी कर दिया है। इस मामले में दस साल जिरह और गवाही के बाद मौत की शिकार ईशा के परिजनों को न्याय मिला है। गौरतलब है कि, वर्ष 2015 में दारोगा ज्ञानेंद्र सिंह ने पत्नी ईशा का सिर काटने के बाद धड़ को कौशांबी के महेवा घाट स्थित पुल के पास फेंका था। जेवर, घड़ी व टैटू से परिजनों ने शिनाख्त करने के बाद दामाद के खिलाफ एफआईआर लिखवाई थी।

दूसरी शादी का खुलासा होने पर अनबन थी
नवीन नगर निवासी विनीता सचान की बेटी ईशा की शादी कानपुर देहात के मूसानगर थाने में बतौर थानेदार तैनात ज्ञानेंद्र सिंह के साथ मार्च 2013 को हुई थी। ज्ञानेंद्र सिंह मूल रूप से चित्रकूट के मऊ थानाक्षेत्र के छिवलाहा गांव का निवासी है। विवाह के बाद ईशा एक बिटिया शनाया की मां बनी। इसी दरमियान ईशा को जानकारी मिली कि ज्ञानेंद्र का पहले भी विवाह हो चुका है। पहली शादी को छिपाकर उसने ईशा के साथ ब्याह रचाया था। इसी मुद्दे पर दोनों के बीच अनबन हुई तो ईशा मायके रहने लगी थी। विनीता के मुताबिक 17 मई 2015 को ईशा के मामा ने अपने घर पर बुलाकर दोनों के बीच समझौता करा दिया। 18 मई को ज्ञानेंद्र मुक्ता देवी दर्शन का हवाला देकर ईशा को मायके से अपनी कार में लेकर चला गया था। रात 8 बजे तक घर न पहुंचने पर विनीता ने फोन किया तो दोनों का मोबाइल स्विच ऑफ था। अगले दिन विनीता काकादेव थाने पहुंची, लेकिन पुलिस ने उन्हें टरका दिया।
चार दिन बाद लाश की शिनाख्त हुई
एसएसपी के आदेश पर 19 मई को ज्ञानेंद्र सिंह के खिलाफ काकादेव थाने में अपहरण का मुकदमा दर्ज हुआ। 22 मई को काकादेव पुलिस को कौशांबी के महेवा घाट में सिरकटी लाश सूचना मिली। मौके पर पहुंचे ईशा के परिजनों ने टैटू, हैंडवॉच ‘और जेवरात से ईशा के शव को पहचाना। इसके बाद पुलिस ने मुकदमे में हत्या की धाराएं बढ़ाकर दरोगा ज्ञानेंद्र और ट्रैवल कंपनी संचालक मनीष कठेरिया, उसके भाई बच्चा कठेरिया, अर्जुन सिंह, अवंतिका, आदर्श कुमार सविता को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। एडीजीसी प्रदीप बाजपेई ने बताया कि सभी आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल हुई थी। अभियोजन की ओर से 11 गवाह पेश किये गए। कोर्ट ने ज्ञानेंद्र को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास के साथ 60 हजार जुर्माना की सजा सुनाई है। साक्ष्यों के अभाव में शेष पांच आरोपियों को बरी कर दिया गया है।