उत्तरकाशी: गर्भवती महिला को 10 किमी.तक कंधे पर उठाकर ग्रामीणों ने पहुंचाया अस्पताल, लेकिन नहीं बच सकी बच्चे की जान.

अस्पताल मैं गर्भवती बेहोश : बच्चे की मौत, घंटों एंबुलेंस का करते रहे इंतजार, नहीं मिली एंबुलेंस

उत्तरकाशी । लॉक डाउन के दौरान पहाड़ी क्षेत्रों में कोरोना से इतर स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से दम तोड़ रही हैं। यहां लोग बदहाली की मौत मरने को मजबूर है। जिले के मोरी ब्लॉक क्षेत्र में एक गर्भवती महिला को कंधे पर लादकर लोगों ने 10 किमी दूर सड़क मार्ग तक पहुंचाया लेकिन वहां भी एम्बुलेंस नहीं मिली। इन सब कवायद में महिला की हालत बिगड़ती गई और परिजनों ने किसी तरह जब उसे अस्पताल पहुंचाया तो वह मुर्च्छित हो गई और बच्चे की प्रसव के दौरान ही मौत हो गई। महिला की हालत भी गंभीर बनी हुई है।

शुक्रवार को मोरी ब्लाक के गंगाड गांव में गर्भवती प्रियंका को प्रसव पीड़ा हुई तो गांव से सड़क मार्ग 10 किलोमीटर दूर था। ग्रामीणों ने दो लकड़ियों के डंडों पर गर्भवती महिला को बांधकर 10 किलोमीटर पैदल तालुका पहुंचे, जहां सड़क मार्ग था लेकिन सड़क मार्ग से 108 एम्बुलेंस को फोन लगाया तो चालक ने बताया कि एम्बुलेंस देहरादून में है। इधर, कोरोना महामारी के चलते जारी लॉकडाउन की वजह से क्षेत्र में वाहनों का आवागमन पूरी तरह से एक महीने से बंद है। इसलिए ग्रामीणों के पास यातायात का बड़ा संकट है। घंटों इंतजार करने के बाद एक स्थानीय निजी वाहन को किसी तरह से मोरी सीएचसी अस्पताल के लिए तैयार किया गया, जहां गर्भवती का प्रसव तो हो गया लेकिन गर्भवती प्रियंका पत्नी प्यारेलाल बेहोश बताई जा रही है। बच्चे की प्रसव के दौरान ही मौत हो गई।

प्रियंका के रिश्तेदार और भाजपा के युवा नेता दुर्गेश लाल भारती के मुताबिक मामला शुक्रवार सुबह की बात है। करीब दस बजे प्रियंका देवी को प्रसव पीड़ा उठी। प्रियंका के पति प्यारे लाल और परिजन परेशान थे कि अस्पताल कैसे पहुंचा जाए। फिर परिवार वालों ने गांव वालों की मदद ली। गांव की कुछ औरतें और पुरुषों ने उनके साथ मिलकर बांस के डंडों के सहारे डोली की तरह जुगाड़ करके बनाया और उस पर गर्भवती महिला को बिठाया। चढ़ाई और उतराई वाले जंगलों के रास्ते से करीब 10 किलोमीटर पैदल चलकर 5 घंटे बाद प्रियंका को तालुका पहुंचाया गया। यहां भी 108 एम्बुलेंस नहीं मिली ओर निजी गाड़ी से मोरी सीएचसी अस्पताल पहुंचाया। जहां प्रसव के दौरान बच्चे की मौत हो गई और प्रियंका को अभी होश नहीं आया है। उसकी हालत गंभीर बनी हुई है।

उधर, इस मामले में जिले के मुख्य चिकित्साधिकारी और जिलाधिकारी से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी है। बार-बार सम्पर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन सीएमओ का फोन “नॉट रीचेबल” है जबकि जिलाधिकारी के फोन पर कॉल फारवर्ड की गई है, जो बाद में स्वतः कट जाती है। जिलाधिकारी को मैसेज भी किया गया लेकिन कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी।

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें

बिहार के एक गांव में पांच बच्चों को नंगा करके घुमाया विराट और अनुष्का एयरपोर्ट पर हुए स्पॉट बिना ऐप के ऐसे रखें अपना Android स्मार्टफोन पूरी तरह सुरक्षित Google Gemini का नया ‘Catch Me Up’ फीचर दक्षिण कोरिया में ली जे-म्यांग बने नए राष्ट्रपति