
भास्कर समाचार सेवा
मोरी। आराकोट बंगाण में दो वर्ष पहले आयी भिषण आपदा से टिकोची , चिवां में छतिग्रस्त हुए भवनों की हालत आज भी जस के तस हैं। टिकोची में राजकीय इंटर कालेज राजकीय प्राथमिक विद्यालय चिवां में राजकीय प्राथमिक विद्यालय, जूनियर हाईस्कूल और उच्चतर माद्यमिक विद्यालय के भवन पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था। लेकिन शासन-प्रशासन द्वारा इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया। जिससे क्षेत्र की जनता को इन सब के खिलाफ भारी रोष है ।
क्षेत्र की जनता का कहना है कि टिकोची राजकीय इंटर कालेज में लगबग 220 की छात्र संख्या औऱ चिवां में लगबग 70 से 75 की छात्र संख्या आद्यंरत है सरकार इन बच्चोँ के भविषय के साथ खिलवाड़ कर रही है ।
वही पर ग्राम प्रधान जितेंदर सिंह मनमोहन सिंह राजेन्दर नोटियाल का कहना है कि टिकोची राजकीय इंटर कालेज के लिए स्कूल से 100 कुर्सियों की शिक्षा विभाग उत्तरकाशी से मांग की थी । लेकिन जेपी काला वी ओ मोरी के द्वारा उस बजट को यहां न भेजकर कहीं और लगा दिया जिससे यहां के अभिभावकों को उनके खिलाफ भारी रोष है । अभिभवकों का कहना है अदिकारियों का इस प्रकार की अनदेखी करना हमारेलिये दूसरी आपदा से कम नहीं है बचे स्कूल की भवन की छत के लिए जिसमे पानी टपकता है आपदा के बाद वी ओ मोरी जेपी कला के द्वारा तिरपाल देने को कहा था जो आज आपदा को दो साल पूरे होने को है पर तिरपाल नहीं मिला ।
अभिभावक अद्यक्ष सुरेश कुमार और मनमोहन ( मुन्ना ) का कहना है कि अगर इसप्रकार हमारे बच्चों के साथ खिलवाड़ होता रहा तो हम विभाग और सरकार के खिलाफ उग्र आंदोलन करेंगे ।उन्होंने कहा कि आज भी आपदा के जख्म स्कूल के बचे कुचे कमरों में मालवा ज्यूँ का त्यू है हमारे बच्चों को आज भी स्कूल खुलने पर जमीन में बैठनें को मजबूर होना पड़ता है । पर टिकोची के अलावा चिवां उच्चतर माध्यमिक विद्यालय उच्चतर प्राथमिक विद्यालय एवं प्राथमिक विद्यालय के भवन आपदा में पूरी तरह दारा शाही हो गए थे ।
चमन सिंह रावत प्रधानाध्यापक चिवां का कहना है कि हम पिछले आपदा के बाद स्कूल को पंचायत भवन के एक कमरे में चलाने को मजबूर है वहीं पर कार्यलय उसी में कक्षा चलाते है ग्रामीणों का कहना है कि हमारे द्वारा टीन का शैड बना कर जूनियर हाईस्कूल और प्राथमिम विद्यालय की कक्षाएं संचालित की जाती है ।
जिसके लिए ग्रामीण अपने बच्चों के भविष्य के लिए चिंतित है । और उत्तराखंड सरकार के खिलाफ भारी रोष है । ग्रामीणों उपेंद्र चौहान कैलाश किरण किशन सिंग हरपाल सिंग त्रेपन सिंह आदि ।














