उत्‍तराखंड में CM परिवर्तन के बाद बंगाल में ममता दीदी की उड़ी नींद, मंडराया बड़ा खतरा !

 उत्‍तराखंड में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने शुक्रवार रात अचानक इस्तीफा दे दिया। रावत के इस्‍तीफे के बाद पार्टी ने आज विधायक दल की बैठक बुलाई और नए सीएम के रूप में पुष्‍कर सिंह धामी को राज्‍य की कमान सौंप दी गई है । तीरथ का जाना ‘संवैधानिक संकट’ को टालना था, इस्‍तीफे की वजह पूर्व मुख्‍यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने यही बताई । उन्‍हें 10 सितंबर से पहले उपचुनाव जीतना था, जो कि कोरोना के कारण संभव नहीं हो पा रहा था । इसी वजह से उन्‍हे इस्‍तीफा देना पड़ा । अब कुछ ऐसा ही हाल बंगाल का भी है ।

ममता दीदी की बढ़ी टेंशन
तीरथ सिंह रावत के इस्‍तीफे की वजह की तरह पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भी ये कदम उठाना पउ़ सकता है । दरअसल, बंगाल में हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान ममता चुनाव जीतने में कामयाब नहीं हुई थीं लेकिन उसके बाद भी वो ही मुख्यमंत्री बनीं। अब उन्‍हें छह माह के अंदर विधायक बनना होगा, वरना उन्हें भी सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ेगा। लेकिन ये बिना चुनाव हुए नहीं हो सकता ।

क्‍या चुनाव कराने का रिस्‍क लेगा आयोग ?
उत्‍तराखंड में तीरथ सिंह रावत को 10 सितंबर से पहले चुनाव जीतकर विधायक बनना था, लेकिन कोरोना के कारण चुनाव आयोग ने चुनाव कराने से इनकार कर दिया । इसी तरह बंगाल में भी कोरोना संकट जारी है और ऐसे में चुनाव कराने का रिस्क चुनाव आयोग जल्द लेने वाला नहीं है, जिससे ममता बनर्जी का सिर दर्द बढ़ गया है। उनकी टेंशन बढ़ती जा रही है ।

क्‍या है नियम ?
दरअसल भारतीय संविधान के अनुच्छेद 164 (4) के अनुसार, सीएम या मंत्री अगर छह महीने तक राज्य के विधानमंडल के सदस्य नहीं बन पाते, तो उनका कार्यकाल इस अवधि यानी कि छह माह के साथ ही समाप्त हो जाएगा । आपको बता दें 10 मार्च 2021 को तीरथ सिंह रावत मुख्यमंत्री बने थे, उन्‍हें 10 सितंबर तक विधायक बनना था। लेकिन कोरोना महामारी की वजह से राज्य में उपचुनाव नहीं हुए। वहीं राज्य में सिर्फ 8 महीने बाद ही विधानसभा चुनाव होने हैं । वहीं ममता बनर्जी का भी 4 नवंबर 2021 तक विधानसभा का सदस्य बनना जरूरी है, नहीं तो उन्हें भी इस्तीफा देना पड़ेगा।

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