ऋषभ पंत ने खोला गाबा टेस्ट में सफलता का राज

युवा भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत ने ब्रिसबेन के मैदान पर इतिहास रचते हुए एक यादगार पारी खेली. खब्बू बल्लेबाज ने गाबा टेस्ट के आखिरी दिन सिर्फ 138 गेंदों पर 9 चौके और एक छक्के की मदद से नाबाद 89 रनों की पारी खेलकर भारत को लगातार तीसरी बार बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी जीतने में अहम भूमिका निभाई.

गाबा की मुश्किल परिस्तिथि में यादगार प्रदर्शन करने के बाद उन्हें मैन ऑफ द मैच अवार्ड से सम्मनित किया गया. जिसके बाद उन्होंने ब्रिसबेन टेस्ट में अपनी सफलता का राज खोला.

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युवा बल्लेबाज ने मैन ऑफ द मैच अवार्ड जीतने के दौरान बताया कि इस जीत उनके जीवन का सबसे यादगार पल हैं. पंत ने कहा, “ये मेरी लाइफ के सबसे खास लम्हों में से एक है. मेरी टीम ने मेरा बहुत साथ दिया. जब मुझे पहले टेस्ट मैच में जगह नहीं मिली तो मैंने काफी मेहनत की.”

ऋषभ पंत ने बताया कि टीम मैनेजमेंट उन पर काफी भरोसा करती हैं और उन्हें एक मैच विनर खिलाड़ी मानती हैं. पंत ने कहा, “टीम मैनेजमेंट मुझे मैच विजेता समझता है और मैं सिर्फ जीत के लिए सोचता हूं. मैं लकी हूँ कि आज मैं ये कर पाया.”

ब्रिसबेन की कठिन विकेट के बारे में ऋषभ पंत ने बताया, “पांचवें दिन पिच पर बॉल थोड़ी घूम रही थी. मैंने पिच पर संभलकर बल्लेबाजी की और मैं काफी खुश हूँ.”

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भारत की जीत के बाद ऋषभ काफी खुश दिखाई दिए और उन्होंने हाथ में तिरंगा उठाकर मैदान पर चक्कर भी लगाया. सीरीज की शुरुआत से पहले पंत की कीपिंग पर लगातार सवाल उठाये जा रहे थे हालाँकि उन्होंने अपनी शानदार बल्लेबाजी से सभी आलोचकों को करारा जवाब दिया हैं. गाबा में नाबाद 89 रनों की मैच विनिंग पारी से पहले उन्होंने सिड्नी में 97 रनों की दमदार पारी खेलकर एक यादगार ड्रा खेलने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी.

ऋषभ पंत ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2020-21 में खेले 3 मैचों की 5 पारियों में 68.50 की औसत और 2 अर्द्धशतको की मदद से 274 रन बनाये और वह सीरीज में भारत के लिए सबसे अधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज भी रहे.