नई दिल्ली (हि.स.)। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में चीन में फैले निमोनिया के मामलों की पुष्टि की खबरों का केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने खंडन करते हुए गलत बताया है। मंत्रालय ने बताया कि एक राष्ट्रीय दैनिक की हालिया मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि एम्स दिल्ली ने चीन में निमोनिया के मामलों में हालिया वृद्धि से जुड़े सात मामलों की पुष्टि की गई है। यह रिपोर्ट गलत और भ्रामक जानकारी प्रदान करती है।
मंत्रालय ने साफ किया कि इन सात मामलों का चीन सहित दुनिया के कुछ हिस्सों से हाल ही में बच्चों में श्वसन संक्रमण में हुई वृद्धि से कोई संबंध नहीं है। छह महीने की अवधि (अप्रैल से सितंबर 2023) में एम्स दिल्ली में चल रहे एक अध्ययन के एक भाग के रूप में सात मामलों का पता चला है और यह चिंता का कारण नहीं है।
जनवरी, 2023 से अब तक, आईसीएमआर के एकाधिक श्वसन रोगजनक निगरानी के तहत एम्स दिल्ली के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में परीक्षण किए गए 611 नमूनों में कोई माइकोप्लाज्मा निमोनिया नहीं पाया गया, जिसमें मुख्य रूप से गंभीर तीव्र श्वसन बीमारी थी। माइकोप्लाज्मा निमोनिया समुदाय-अधिग्रहित निमोनिया का सबसे आम जीवाणु कारण है।