एशियाई खेलों में इसबार क्रिकेट के अलावा 8 भारतीय स्वर्ण पदक के दावेदार, देखें लिस्ट

नीरज, तजिंदरपाल सिंह से उम्मीदें

नई दिल्ली (ईएमएस)। हांग्जो में एशियाई खेलों की शुरूआत हो चुकी है। भले ही इन खेलों में चीन का दबदबा रहता है लेकिन इस बार भारतीय एथलीट्स भी पूरी तैयारी कर पहुंचे हैं। भारत के पास विभिन्न गेमों में इसतरह के कई एथलीट्स हैं जोकि इस बार गोल्ड मैडल का दावा कर रहे हैं। शॉट पुट में जहां तजिंदरपाल सिंह तूर सबके पसंदीदा हैं। वहीं, भारोत्तोलन और बैडमिंटन प्लेयर भी स्वर्ण की उम्मीद में हैं। नीरज चोपड़ा से गोल्ड की सबसे बड़ी संभावना है। क्रिकेट को अगर छोड़ दिया जाए, तब 8 भारतीय स्वर्ण पदक के दावेदार हैं। हम इस रिपोर्ट में उन खिलाड़ियों के बारे में बात रहे हैं।

ज्योति महिलाओं की 100 मीटर बाधा दौड़ में भारत की पहली और एकमात्र एशियाई चैंपियन हैं। वह देश की पहली और एकमात्र महिला भी हैं जिन्होंने 13 सेकंड से कम में यह दौड़ पूरी की। 24 वर्षीय खिलाड़ी सीजन में 12.78 सेकेंड के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के साथ एशिया में दूसरे स्थान पर हैं, वह चीन की यानि वू से सिर्फ 0.02 सेकेंड पीछे हैं।

मीराबाई चानू ओलंपिक रजत पदक विजेता और दो बार की राष्ट्रमंडल खेल चैंपियन महिलाओं के 49 किग्रा वर्ग में सबसे आगे रहती हैं। स्नैच में अब तक कम से कम 7 एथलीट प्रतिष्ठित 90 किग्रा का आंकड़ा पार कर चुके हैं, लेकिन मणिपुर की 29 वर्षीय खिलाड़ी अभी तक वहां तक ​​नहीं पहुंच पाई है। हालांकि मीराबाई क्लीन एंड जर्क की अपनी ताकत के साथ इससे पार पाना चाहेगी।

सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी (पुरुष युगल बैडमिंटन) विश्व की नंबर 3 जोड़ी पिछले 12 माह से जबरदस्त फॉर्म में है। आक्रामक मानसिकता वाली जोड़ी ने पिछले साल राष्ट्रमंडल खेलों और विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतने के बाद इस साल 4 खिताब जीते हैं। उन्होंने इस दौरान उच्च रैंकिंग वाले विरोधियों को भी हराया है।

मेहुली घोष (10 मीटर एयर राइफल शूटिंग) पश्चिम बंगाल की 22 वर्षीय खिलाड़ी के नाम एक युवा ओलंपिक रजत पदक, एक राष्ट्रमंडल खेलों का रजत और 4 आईएसएसएफ विश्व कप पदक हैं। उन्होंने हाल ही में बाकू, अजरबैजान में विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता, जिससे 2024 पेरिस ओलंपिक में उनकी जगह पक्की हो गई। मेहुली को अपनी श्रेणी में विश्व चैंपियन और चीन की शीर्ष रैंकिंग वाली हान जियायु से मुकाबला करना होगा। उनका संयम उन्हें पदक दिला सकता है।

वहीं एशियाड स्वर्ण पदक विजेता अभिषेक जैसे वरिष्ठ पेशेवरों के अलावा ओजस और प्रथमेश जैसे युवा विश्व स्तर पर देश का नाम रोशन कर सकते हैं। चीनी ताइपे और हमेशा से ताकतवर कोरिया उनके लिए सबसे बड़ा खतरा हैं, लेकिन भारतीयों के हालिया फॉर्म को देखते हुए पहले स्थान पर रहने की उम्मीद करनी होगी।

विश्व रैंकिंग में 7वें स्थान पर मौजूद भारतीय हॉकी महिला टीम वर्तमान में एशिया में सबसे मजबूत टीम है। जापान, चीन और कोरिया क्रमशः 10वें, 11वें और 12वें स्थान पर हैं। सविता पुनिया के नेतृत्व वाली और जेनेके शोपमैन की देखरेख वाली टीम जकार्ता में हासिल किए गए रजत को गोल्ड में बदलने की कोशिश करेगी।

जहां 13 साल की लंबी अनुपस्थिति के बाद एशियाई खेलों में शतरंज की वापसी हुई है। भारत के पास गुकेश, प्रगनानंद और अर्जुन जैसी युवा ब्रिगेड है, जोकि वैश्विक शतरंज में तेजी से बड़ा नाम बनते जा रहे हैं। भारत के अपने दिग्गज विश्वनाथन आनंद भी मानते हैं कि इस बार खिलाड़ी अच्छे परिणाम लाएंगे। भारतीय पुरुषों को चीन से चुनौती मिलेगी जिसका नेतृत्व मौजूदा विश्व चैंपियन डिंग लिरेन कर रहे हैं।
निकहत ने पिछले 2 साल में फ्लाईवेट वर्ग में बढ़िया प्रदर्शन किया है और इस साल नई दिल्ली में अपने विश्व चैंपियनशिप खिताब का बचाव किया है। उन्होंने 2 स्ट्रैंड्जा मेमोरियल खिताब और एक सीडब्ल्यूजी गोल्ड भी जीता है। वह एशियाई खेलों में भी स्वर्ण पदक जीतना चाहेंगी। इससे उनका पेरिस ओलंपिक में भी स्थान पक्का हो जाएगा।

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