ऐसे गुणों वाली बीवी पाते हैं सिर्फ खुशकिस्मत, ससुराल में लाती हैं खूब बरकत !

हिन्दू समाज मे स्त्रियों का एक अलग महत्व है क्योंकि युगों से हम स्त्री को घर की लक्ष्मी मानते हैं. जब लड़की की शादी हो जाती है तो वह अर्धांगिनी कहलाती है जिसका मतलब है पति का आधा हिस्सा जिसके बिना पति अधूरा होता है. ग्रंथो में देखा गया है कि भीष्म पितामह ने स्त्री संबंधी कई बातें कही है जिसमे प्रमुख ये है – यदि घर मे खुशहाली और तरक्की चाहते हो तो स्त्री का सम्मान करें. जो लोग स्त्रियों का अपमान करते हैं वो जिंदगी में कुछ नही कर पाते बल्कि उनका घर अशांति और क्लेश से भरा रहता है.

सिर्फ महाभारत ही नही बल्कि और भी कई ग्रंथो में स्त्री संबंधी उपयोगी बाते बतायी गयी है. गरुड़ पुराण हमारे धर्म के पवित्र ग्रंथो में से एक है जिसमे स्त्रियों के 4 ऐसे गुण बताये गए हैं जो यदि किसी स्त्री के भीतर हो तो उस घर मे कभी धन और खुशियों की कमी नही होती. तो जानने का समय आ गया है कि क्या आपके अंदर भी वो 4 गुण हैं? चलिये जानते हैं उन 4 गुणों के बारे में जो हर स्त्री भी भीतर होना चाहिए.

गृहकार्य में निपुण

यहां गृहकार्य से हमारा मतलब है कि उन्हें अच्छे व्यंजन पकाने आने चाहिए, घर की साफ-सफाई का ध्यान रखना चाहिए, साज-सजावट का ज्ञान, बच्चों को सम्भालने की समझदारी, अतिथियों का स्वागत इन सभी को गृहकार्य के श्रेणी में रखा गया है. यदि कोई स्त्री इन कार्यों में निपुण होती है तो उसका घर हमेशा धन और यश में डूबा रहेगा. ऐसा भी माना जाता है कि ये गुण वाली पत्नियां अपने पति की चहेती होती हैं और उन्हें ससुराल में भी एक बेटी का प्यार हासिल होता है.

बोलचाल का रखती हो ध्यान

जब मर्यादा की बात आती है तो स्त्रियों को सबसे बड़ी पहल अपने पति से शुरू करनी चाहिए. उन्हें अपने पति से हमेशा मीठी बोली में बात करनी चाहिए. यदि आप इस तरह की बोली का प्रयोग करेंगे तो आपके ओपिनियन को भी सामने वाला उतना ही तवज्जो देगा. साथ ही हर पत्नी को अपनी सास व ननद से अच्छा व्यवहार करना चाहिए. अगर आपकी बोलचाल की भाषा मधुर हो तो खुद ब खुद सबकी लाडली बहु बन जाएंगी.

पतिव्रता सबसे ज्यादा जरूरी

वैसे भी कहा जाता है कि पति परमेश्वर के समान होता है इसलिए पति के हर आदेश को मानना चाहिए और कभी भी दिल को चोट पहुंचाने वाली बात नही करनी चहिए. जो स्त्रियां पतिव्रता होती हैं उनके मन मे कभी भी पराये मर्दों के ख्याल नही आता और वो पूरे परिवार के खुशियों का कारण बनती है.

ये चीजें बढ़ाती है सम्मान

घर के सभी काम पत्नियां ही करती हैं लेकिन इन सबके अलावा उन्हें घर मे पूजा-पाठ करते रहना चाहिए. गरूड़ पुराण के मुताबिक जो स्त्री रोज स्नान कर तुलसी में जल अर्पित करती हैं और अपने सास-ससुर व पति का आशीर्वाद लेती है वो आदर्श पत्नी कहलाती है. ऐसी पत्नियों की वजह से घर मे खुशियों का माहौल बना रहता है और परिवार का यश भी बढ़ता है.

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