नई दिल्ली (ईएमएस)। बाजार में खाने की डिलेवरी वाले प्लास्टिक के कई कंटेनर ऐसे हैं जिनकी क्वालिटी हर इस्तेमाल के बाद खराब होती है और वह खाने में अधिक जहर मिलाते हैं। हालांकि कंटेनर में खाने की रिसर्च होना भी जरूरी है ताकि चीजें अधिक स्पष्ट हो। अभी तक इस तरह की ज्यादा रिसर्च नहीं हुई हैं।
एक्सपटर्स के अनुसार प्लास्टिक के बर्तन या कंटेनर में कई रसायन होते हैं। यह रसायन गर्म खाने के साथ मिलकर रिएक्ट करते हैं। प्लास्टिक कंटेनर की जांच होना बेहद जरूरी है लेकिन यह काफी कम देखने को मिलती है। इसलिए गुणवत्ता पर भी काफी सवाल हैं। उन्होंने बताया कि इन प्लास्टिक के कंटेनर को बनाने के लिए केमिकल का इस्तेमाल होता है। यह इसे खतरनाक बनाते हैं। हर इस्तेमाल के बाद इसकी क्वालिटी खराब होती जाती है।
कंटेनर में किस तरह का केमिकल इस्तेमाल हो रहा है और उसके किस तरह के नुकसान है यह रिसर्च करनी चाहिए। 20 प्रोडक्ट को जब प्रतिबंधित किया गया था उस समय कहा गया था कि अन्य चीजों की लिस्ट भी लाई जाएगी जिसमें इसे भी शामिल किया जा सकता है लेकिन अभी तो हम पहले बीस आइटम को ही बैन नहीं कर पाए हैं। पानी की बोतलों पर काफी रिसर्च हुआ है कि पानी में माइक्रोप्लास्टिक आ रहा है यह साबित हुआ है। लेकिन खाने में अभी तक अधिक रिसर्च नहीं हुआ है। इस पर बहुत काम करने की जरूरत है। एक्सपर्ट के मुताबिक हर प्लास्टिक कंटेनर को खतरनाक नहीं माना जा सकता। जिन प्लास्टिक कंटेनर के नीचे #2, #4 और #5 प्रिंट होता है वह खाने को रखने और उन्हें स्टोर करने के लिए सुरक्षित माने जाते हैं। जबकि #1 सिंगल यूज प्लास्टिक के नीचे प्रिंट रहता है।
इसका अर्थ यह है कि एक बार के इस्तेमाल के बाद उसे नष्ट करना होता है या रिसाइकल करना होता है। जबकि सबसे खतरनाक #7 प्रिंट वाले प्लास्टिक कंटेनर को माना जाता है। इसमें काफी मात्रा में बीपीए होता है और इसमें खाने को हरगिज स्टोर नहीं करना चाहिए।नए उत्पाद आ रहे हैं। गन्ने के बचे हुए कूड़े के प्लास्टिक कंटेनर आ रहे हैं। यह बायोडिग्रेडेबल हैं और मजबूत भी है। लेकिन अभी डिमांड कम है इसलिए इनकी कीमतें अधिक हैं। यदि इनकी डिमांड बढ़ेगी तो इनके रेट भी कम होने की संभावना है। लेकिन उसके लिए सरकार को और लोगों को पहल करनी होगी।
एक रिपोर्ट के अनुसार महाराष्ट्र के बाद दिल्ली में प्रतिबंधित किए गए 20 सिंगल यूज प्लास्टिक का सबसे अधिक इस्तेमाल हो रहा है। यह सर्वे हाल ही में किया गया था। बता दें कि रोजाना बड़ी संख्या में खाने की डिलिवरी करवाने वालों को प्लास्टिक के कंटेनरों में गर्म खाना पैक करके दिया जा रहा है। एक्सपर्ट के अनुसार कुछ प्लास्टिक खाने के लिए सुरक्षित जरूर हैं लेकिन मार्केट में इस्तेमाल हो रहे कंटेनर की निगरानी व्यवस्था काफी खराब है।