ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट में दावा अडाणी ग्रुप ने खुद अपने शेयरों को खरीदकर बाजार में किया…

नई दिल्ली (ईएमएस)। अडाणी ग्रुप पर गुरुवार को एक और विदेशी रिपोर्ट सामने आने के बाद कंपनी के 10 शेयर में से 9 में गिरावट देखने को मिली।

ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट में दावा किया गया है कि अडाणी ग्रुप के निवेशकों ने गुपचुप तरीके से खुद अपने शेयरों को खरीदकर बाजार में लाखों डॉलर का निवेश किया। हालांकि, ग्रुप ने इन आरोपों का खंडन किया है। कहा है कि यह बदमान करने और मुनाफा कमाने की साजिश है। ओसीसीआरपी ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया कि अडाणी ग्रुप की कंपनियों ने मॉरीशस के गुमनाम निवेश फंड्स के जरिए ग्रुप के शेयरों में करोड़ों रुपए का निवेश किया। अडाणी ग्रुप का कहना है कि हम इन रीसाइकल्ड आरोपों को खारिज करते हैं। ये न्यूज रिपोर्ट तर्कहीन हिंडनबर्ग रिपोर्ट को फिर से जिंदा करने की एक कोशिश मालूम होती है।

अडाणी ग्रुप ने कहा कि ओसीसीआरपी ने जो आरोप लगाए हैं, वह एक दशक (10 साल) पहले बंद हो चुके मामलों से जुड़े हैं। उस वक्त राजस्व खुफिया निदेशालय ने ओवर इनवॉयसिंग, विदेश में फंड ट्रांसफर, रिलेटेड पार्टी ट्रांजैक्शन और एफपीआई के जरिए निवेश के आरोपों की जांच की थी। मार्च 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने हमारे पक्ष में फैसला सुनाया था और मामले को बंद कर दिया था।

शेयर्स गिराकर मुनाफा कमाने की कोशिश अडाणी ग्रुप ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इन पब्लिकेशन ने; जिन्होंने हमें प्रश्न भेजे थे, हमारे पक्ष को पूरी तरह से पब्लिश नहीं करने का फैसला लिया। इन कोशिशों का मकसद अन्य बातों के साथ-साथ हमारी कंपनियों के शेयरों को गिराकर मुनाफा कमाना है। कई अथॉरिटीज इन शॉर्ट सेलर्स की जांच कर रही हैं। ग्रुप ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट और मार्केट रेगुलेटर सेबी इन मामलों की जांच कर रहे हैं। इसलिए रेगुलेटरी प्रोसेस की रिस्पेक्ट करना जरूरी है। हमें कानून की प्रक्रिया पर पूरा भरोसा है। हम अपने खुलासों की क्वालिटी और कॉरपोरेट गवर्नेंस स्डैंडर्ड के लिए पूरी तरह से आश्वस्त हैं। इन न्यूज रिपोट्र्स का समय संदिग्ध, शरारती और दुर्भावनापूर्ण है। हम इन रिपोट्र्स को पूरी तरह से खारिज करते हैं।

राहुल का सवाल, देश से बाहर भेजा जा रहा पैसा किसका ? उधर, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पूछा कि देश से बाहर भेजा जा रहा पैसा आखिर किसका है। राहुल ने कहा, एक बिलियन डॉलर हिंदुस्तान से अडानी की कंपनी के नेटवर्क के जरिए अलग-अलग देशों में गए और वापस आए। उससे शेयर प्राइस को इनफ्लुएट किया।

इससे हिंदुस्तान का इंफ्रास्ट्रक्चर एयरपोर्ट, पोर्ट को खरीद रहे हैं। अखबारों ने कहा कि उनके पास इसके सबूत हैं। कांग्रेस नेता ने पूछा कि ये पैसा यूज किया जा रहा है, वो किसका है। ये अडानी का है या किसी और का है। इस काम को करने के लिए मास्टरमाइंड विनोद अडानी है। उनके साथ दो पार्टनर्स हैं। नासिर अली सबान अली और एक चाइनीज चैंग चोंग लिंग है। नेशनल सिक्योरिटी का मामला उठाते हुए राहुल गांधी ने पूछा कि अडानी हिंदुस्तान का इंफ्रास्ट्रक्चर खरीद रहे हैं, जो चाइनीज नेशनल इसमें क्यों शामिल हैं। इसका क्या रोल है। इसने क्या किया। ये साबित होना चाहिए। राहुल ने सवाल उठाया कि विदेशी लोग हिंदुस्तान के शेयर मार्केट को कैसे मैनुपुलेट कैसे कर रहे हैं।

ये सवाल क्यों नहीं पूछा जा रहा है। नेशनल सिक्योरिटी का मामला है। अडाणी जी डिफेंस, एयरपोर्ट, पोर्ट में काम करते हैं तो विदेशी लोग, खासतौर पर चाइनीज का क्या रोल है। इसके अलावा उन्होंने दावा किया कि सेबी ने अडानी मामले की जांच की थी, जिस व्यक्ति ने जांच के बाद क्लीनचिट दी।

आज वह एक बड़े न्यूज़ चैनल के डायरेक्टर है। मतलब ये एक नेटवर्क है। इसमें आपको इंस्टीट्यूशनल कैप्चर दिख रहा है। सेबी का चेयरमैन क्लीनचिट देता है, उसके एकदम बाद डायरेक्टर बन जाता है। यह पूरा इंटरनेशनल मामला है। स्टॉक मार्केट को इनफ्लुएट किया जा रहा है।

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