
अमेरिका में ट्रंप युग का अंत हो चुका है. अब दुनिया के सबसे शक्तिशाली व्यक्ति बने हैं जो बाइडेन. उन्होंने अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति के रूप में सत्ता सम्भाल ली है. वहीं भारतीय मूल की कमला हैरिस ने उपराष्ट्रपति पद की शपथ ली. वहीं अमेरिका की पहली महिला उपराष्ट्रपति बनीं हैं कमला हैरिस. इनका भारत से नाता है. इनकी मां भारत के चेन्नई शहर से थीं. लेकिन हम आपको जो बताने जा रहे हैं उसे जानकर बेहद ही चौंकाने वाला है. दरअसल, जो बाइडेन का भारत के एक शहर से गहरा नाता जुड़ा है. हम इस बारे सब कुछ बताएंगे लेकिन उससे पहले अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस के बारे जान ले बहुत कुछ.
बता दें कि भारतीय मूल की कमला हैरिस खुद को आधी भारतीय मानती रही हैं. वह चेन्नई में रहने वाले अपने नाना से प्रभावित रही हैं और काफी हद तक उनके विचारों पर उनकी मां और उनके नाना की झलक दिखती है. कमला को ये कहने में कभी हिचक नहीं हुई कि उनकी जडे़ं भारत में हैं. यहां तक कि मसाला डोसा और इडली उन्हें खूब पसंद है
आपको जानकर भले ही ताज्जुब हो लेकिन ये सच्चाई है कि अमेरिका की नव निर्वाचित उपराष्ट्रपति कमला हैरिस लगातार भारत आती रही हैं और उनके कई नजदीकी रिश्तेदार भारत में रहते हैं. उनके मामा लोग भारत में ही रहते हैं और अक्सर कमला हैरिस से मिलने अमेरिका जाते रहते हैं. अब आईए आपको बताते हैं कि अमेरिका के नए राष्ट्रपति जो बाइडेन का भी भारत से क्या रिश्ता है. खुद वे कई बार अपने भाषण में इस बात का जिक्र भी कर चुके हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, महाराष्ट्र के नागपुर में उनके रिश्तेदार रहते हैं. अब उनके रिश्तेदारों के मुंबई में भी रहने की बात कही गई थी, जबकि असल जुड़ाव नागपुर से रहा है.
अंग्रेजी न्यूज पेपर टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, बाइडेन की रिश्तेदार सोनिया बाइडेन फ्रांसिस का कहना है कि इस रिश्ते के मामले में वे लोग चुप रहना ही पसंद करते हैं. वे लोग नहीं चाहते कि वे इस चकाचौंध में आएं. इसलिए परिवार को मीडिया से भी दूर रहना पसंद हैं. उनकी शिकायत यह भी रही है कि वंशावली के अनुसार वे लोग, बाइडेन से जुड़े हुए हैं, लेकिन कई बार तथ्यों को गलत तौर पर दिखा दिया जाता है
सोनिया बाइडेन फ्रांसिस नागपुर की रहने वाली स्वर्गीय लेस्ली बाइडेन के 14 पड़पोते-पड़पोतियों में से एक है. उनका कहना है कि वह रिश्ते में जो बाइडेन की बहन लगती हैं. लेस्ली और जो बाइडेन के पूर्वज एक ही रहे हैं. वर्ष 1981 में लेस्ली ने ‘इलस्ट्रेटेड वीकली ऑफ इंडिया’ में ‘अमेरिकन एक्सप्रेस’ शीर्षक से एक आर्टिकल देखा था.
जो बाइडेन जब अमेरिकी संसद के सदस्य थे, तब उन्होंने यह आर्टिकल लिखा था. इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद लेस्ली ने जो बाइडेन को 15 अप्रैल 1981 को एक पत्र लिखा था. इस पत्र में उन्होंने अपने पारिवारिक रिश्तों के बारे में बाइडेन से चर्चा करनी चाही थी.
30 मई 1981 को जो बाइडेन ने पत्र लिखकर लेस्ली के पत्र का जवाब दिया था. पत्र में उन्होंने लिखा था कि उन्हें लेस्ली का पत्र पाकर खुशी हुई. इसी बीच दोनों के बीच उनके पूर्वजों के एक होने की बात पता चली और दोनों ने इस पर चर्चा करने की बात भी कही थी. हालांकि बात आगे बढ़ती, लेकिन लेस्ली का 1983 में निधन हो गया. उनके निधन के बाद पति जेनेवीव ने जो बाइडेन के साथ बात आगे नहीं बढ़ाई
साल 2015 में ‘यूएस इंडिया बिजनेस काउंसिल’ में संबोधित करते हुए जो बाइडेन ने कहा था कि ‘बाइडेन फ्रॉम मुंबई’ और मेरे दादा 1848 में ‘ईस्ट इंडिया टी कंपनी’ के लिए काम करते थे. तभी शायद उन्होंने एक भारतीय महिला से शादी कर ली और भारत में ही रह गए. मुंबई में ही एक भाषण के दौरान जो बाइडेन ने इस वाकये का हंसते हुए जिक्र करते हुए कहा था कि अगर यह सच है, तब तो मैं भारत में भी चुनाव लड़ सकता हूं.
बता दें कि अब ये उम्मीद की जा रही है कि बाइडेन के राष्ट्रपति बनने से अमेरिका के संबंध भारत के साथ मधुर रहेंगे. इमिग्रेशन बिल को लेकर बाइडेन का निर्णय भी भारतीयों के लिए राहत भरा होगा. एच1 बी वीजा और अमेरिकी नागरिकता की दिशा में भारतीयों के लिए संभावनाओं के नए द्वार खुलेंगे. माना ये भी जा रहा है कि आने वाले वक्त में भारत और अमेरिका के रिश्त पहले से भी ज्यादा मजबूत होंगे.















