काम की बात : महिलाओं के पैर में बिछिया पहनने के पीछे आखिर क्या है कारण !

बिछियां हर एक हिन्दू जानता होता ये बिछियां क्या होती है लेकिन क्या ये भी जानता होगा की ये बिछियां आखिर क्यों पहनी जाती है। आज हम आपको यही बताएँगे आखिर बिछियां क्यों पहनी जाती है।

जब एक लड़की की शादी हो जाती है तब उस लड़की को ये बिछियां पहने का अधिकार है बिछियां पहनना एक अलग ही सामाजिक महत्व रखता है। बिछियां हमेशा ही चांदी की होती है इसको सोने का इसीलिए नहीं बनाया जाता है क्युकी सोना कमर से निचे पहनना नहीं चाहिए। सोना देवी माँ लक्ष्मी जी को पसदं है इसीलिए सोने बानी कोई भी वास्तु कमर से नीचे नहीं पहनी जाती।

बिछिया क्यों पहनी जाती है


पैर की उंगलियों में बिछिया पहनी जाती है ये पैर की कुछ तंत्रिकाओं पर असर डालती है जो स्वास्थ से जुडी होती है।
इसका प्रयोग तो बहुत पुराने समय से होती आ रही है आपको याद ना हो लेकिन हम आपको बताना चाहते है। जब रावण ने माता सीता जी का अपहरण कर लिया था तब माँ सीता जी ने रस्ते में निशनी के तौर पर अपनी बिछिया निकल कर फेक दी थी जिससे राम जी को पता लग सके।
महिलाओ के लिए गर्भ धारण करने लिए अच्छे अवसर देता है क्योकि ये महिला के मासिक धर्म के चक्र को बनाये रखता है।
जिन उंगलियों में ये बिछियां पहनी जाती है उन उंगलियों का सीधा सम्बन्ध गर्भ से होता है और दिल तक जाता है।
आप सब ये जानते है की सोना हो या चांदी इसको पहनाने से शरीर में बहुत साड़ी ऊर्जा प्रवेश करती है जो शरीर को ताज़ा और स्वस्थ बनाने में मदद करती है। चांदी भी एक अच्छा कंडक्टर है और ये धुर्वीय ऊर्जा को ग्रहण करता है और बॉडी को देता है जिससे शरीर तारो ताज़ा और कई बीमारियों से दूर रहता है।

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