
नई दिल्ली । शरीर में विटामिन बी-12 की कमी होने पर कई तरह की गंभीर समस्याएं उभर सकती हैं। विटामिन बी-12 की कमी से कमजोरी, लगातार थकान, खून की कमी, हाथ-पैर में झनझनाहट, शरीर का पीला पड़ना, मुंह में छाले, मूड स्विंग्स और डिप्रेशन जैसी दिक्कतें हो सकती हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि यह कमी मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर सकती है और दिमाग में नकारात्मक व परेशान करने वाले विचार आने लगते हैं। ऐसे में लोग महंगे इलाज का सहारा लेते हैं, जबकि सच यह है कि कुछ सामान्य खाद्य पदार्थ भी इस कमी को दूर करने में असरदार साबित हो सकते हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, विटामिन बी-12 रेड ब्लड सेल्स के निर्माण में मदद करता है और नर्व सेल्स को स्वस्थ बनाए रखता है। यह डीएनए बनाने की प्रक्रिया का अहम हिस्सा है और भोजन को ऊर्जा में बदलने में भी मददगार है। इतना ही नहीं, यह शरीर को फोलेट का सही उपयोग करने में भी सहायक होता है। अगर शरीर में विटामिन बी-12 की कमी हो जाए, तो दिमाग केमिकल संतुलन बिगड़ जाता है, जिससे मूड डिसऑर्डर, डिप्रेशन और मानसिक स्पष्टता से जुड़ी परेशानियां बढ़ जाती हैं। इसी वजह से डॉक्टर इसे दिमाग और मानसिक सेहत के लिए जरूरी मानते हैं। विशेषज्ञ बताते हैं कि विटामिन बी-12 की कमी को दूर करने के लिए खानपान पर ध्यान देना सबसे आसान उपाय है।
अंडे इसका बेहतरीन स्रोत हैं, खासतौर से अंडे की जर्दी। नियमित रूप से 1-2 अंडे खाने से इसकी कमी को काफी हद तक दूर किया जा सकता है। डेयरी प्रोडक्ट्स जैसे दूध, दही, पनीर और चीज भी शाकाहारी लोगों के लिए उत्तम विकल्प हैं, क्योंकि इनमें विटामिन बी-12 अच्छी मात्रा में पाया जाता है। रोजाना एक गिलास दूध या दही का सेवन शरीर की जरूरत पूरी करने में मदद करता है। वहीं, नॉन-वेज खाने वालों के लिए मछली, चिकन और रेड मीट सबसे अच्छे स्रोत हैं। खासतौर से सालमन, टूना और सार्डिन मछली विटामिन बी-12 और ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर होती हैं, जो दिल और दिमाग दोनों को स्वस्थ रखने में मदद करती हैं।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि शाकाहारी लोगों के लिए फोर्टिफाइड फूड्स विटामिन बी-12 की कमी को पूरा करने का अच्छा विकल्प हैं। इनमें फोर्टिफाइड सीरियल्स, सोया मिल्क और नट्स शामिल हैं, जिनमें अलग से विटामिन बी-12 मिलाया जाता है। वहीं, नॉन-वेजिटेरियन लोगों के लिए लिवर और मांस में इसकी भरपूर मात्रा मिलती है। हालांकि, इसका सेवन सीमित मात्रा में ही करने की सलाह दी जाती है।