केजरी पर EC सख्त : ‘यमुना के पानी में ज़हर’ के आरोपों पर पूछे 5 सीधे सवाल, कल तक जवाब देने को कहा

आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के यमुना में ज़हर का पानी मिलाए जाने के आरोपों पर चुनाव आयोग सख्त हो गया है। चुनाव आयोग ने इस मामले पर केजरीवाल से 5 ‘सीधे सवाल’ पूछे हैं और कल (31 जनवरी) 11 बजे तक जवाब देने को कहा है। दिल्ली में 5 फरवरी को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होना है और इसी चुनाव अभियान के दौरान केजरीवाल ने हरियाणा सरकार पर यमुना को ज़हरीली बनाने का आरोप लगाया था। केजरीवाल के इस बयान पर बीजेपी और कांग्रेस ने तीखा पलटवार किया था और चुनाव आयोग के पास इसकी शिकायत भी दर्ज कराई थी।   

केजरीवाल ने क्या कहा था?

अरविंद केजरीवाल ने 27 फरवरी को हरियाणा की बीजेपी सरकार पर यमुना का पानी ज़हरीला करने का सनसनीखेज आरोप लगाया था। केजरीवाल ने कहा था, “हरियाणा में पानी यमुना नदी के ज़रिए आता है। हरियाणा की भाजपा सरकार ने दिल्ली में आने वाले पानी में ज़हर मिला दिया है।” उन्होंने कहा था, “हम दिल्ली जल बोर्ड के इंजीनियरों के शुक्रगुजार हैं कि उन्होंने इसे पकड़ लिया था। उन्होंने इस पानी को बॉर्डर पर ही रोक दिया और यह पानी दिल्ली में नहीं आया। अगर यह पानी दिल्ली में घुस जाता और पीने के पानी में मिल जाता तो इससे कई लोगों की मौत हो सकती थी और नरसंहार हो सकता था। अगर यह पानी जो हरियाणा की भाजपा सरकार ने भेजा है, उन्होंने उसमें ऐसा ज़हर मिला दिया है जिसे वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में भी ट्रीट नहीं किया जा सकता है।” 

चुनाव आयोग ने क्या कहा?

इस मामले में चुनाव आयोग ने शिकायत के बाद केजरीवाल को पहले 28 जनवरी को एक पत्र लिखा था और 29 जनवरी की रात 8 बजे तक उनसे जवाब देने को कहा था। चुनाव आयोग ने कहा था कि ये आरोप बहुत गंभीर हैं जिनसे राज्यों के बीच नफरत पनप सकती है। इसके बाद केजरीवाल ने चुनाव आयोग का 14 पेज का जवाब देते हुए कहा कि उन्होंने वह बयान दिल्ली में पानी की गुणवत्ता के कारण लोगों को हो रहे नुकसान को लेकर दिया था। केजरीवाल ने दावा किया कि उनका बयान राष्ट्रीय एकता के लिए खतरा नहीं था।

केजरीवाल के इस जवाब के बाद चुनाव आयोग ने 30 जनवरी को एक और पत्र लिखकर केजरीवाल से 5 सीधे सवाल पूछे हैं। चुनाव आयोग ने कहा कि आपके उत्तर में ज़हर वाले बयान को लेकर पूरी तरह से चुप्पी है और इस बयान का समर्थन करने के लिए साक्ष्य के साथ कोई तथ्यात्मक और कानूनी मैट्रिक्स नहीं दिया गया है। चुनाव आयोग ने कहा कि केजरीवाल ने बयान को लेकर तथ्य देने के बजाय इसे उचित ठहराने के लिए उच्च अमोनिया के विकल्प का सहारा लिया है।

चुनाव आयोग ने चुनाव प्रचार के बीच इस बयान को राज्यों और लोगों के बीच शांति और सद्भाव को खतरे में डालने का गंभीर जोखिम पैदा करने वाला माना है। चुनाव आयोग ने केजरीवाल से एक बार फिर उनके बयान को लेकर 5 सवाल पूछते हुए 31 जनवरी 2025 को 11:00 बजे तक ‘सटीक जवाब’ दाखिल करने को कहा है। आयोग ने इन जवाबों को अमोनिया के बढ़ते स्तर से ना मिलाने को कहा है।

चुनाव आयोग ने पूछे ये 5 सवाल

  • हरियाणा सरकार ने यमुना नदी में किस तरह का ज़हर मिलाया था?
  • जो ज़हर नरसंहार का कारण बन सकता था उसकी मात्रा, प्रकृति और पता लगाने के तरीके के बारे में सबूत?
  • किस जगह पर ज़हर पाया गया था?
  • दिल्ली जल बोर्ड के किन इंजीनियरों ने ज़हर का पता लगाया और कैसे व कहां इसका पता चला?
  • उन इंजीनियरों ने दिल्ली में जहरीले पानी को प्रवेश करने से रोकने के लिए क्या कार्यप्रणाली अपनाई?

चुनाव आयोग ने यहां तक कहा है कि अगर केजरीवाल को शुक्रवार तक अपने बयान पर सफाई नहीं दी तो उनके ऊपर कार्रवाई की जाएगी। इस मामले को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी तक केजरीवाल पर हमलावर हैं और दिल्ली चुनाव पर इसका बड़ा असर हो सकता है।

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