किसी इंसान की किस्मत ना जाने उसको कहां से कहां तक ले जा सकती है इसके बारे में कह पाना काफी मुश्किल है. जीवन में कई बार ऐसी बहुत सी घटनाएं घटित हो जाती है जिसके ऊपर विश्वास कर पाना इंसान के लिए लगभग नामुमकिन सा लगता है परंतु यह सभी घटनाएं किसी चमत्कार से कम नहीं होती हैं. आप लोगों ने यह तो सुना ही होगा कि जो व्यक्ति की किस्मत में लिखा होता है वह होकर ही रहता है. किस्मत में लिखे हुए को कोई भी नहीं बदल सकता, आज हम आपको इस लेख के माध्यम से एक ऐसी घटना के बारे में जानकारी देने वाले हैं जिसके बाद जो व्यक्ति किस्मत पर भरोसा नहीं करते है वह भी किस्मत पर यकीन करने लगेंगे. आज हम आपको एक ऐसी छोटी बच्ची के जीवन के बारे में बताने वाले हैं जो केदारनाथ में आए प्रलय में अपने परिवार वालों से बिछड़ गई थी परंतु किस्मत ने उसको अपने परिवार से दोबारा मिलवा दिया है.
जो इस बच्ची की किस्मत में लिखा हुआ था वह होकर रहा, हम जिस लड़की के बारे में बात कर रहे हैं उसका नाम चंचल है जिसकी उम्र 17 वर्ष की है चंचल केदारनाथ में 2013 में आए प्रलय में अपने परिवार से बिछड़ गई थी वह अपने माता-पिता के साथ केदारनाथ दर्शन के लिए आई हुई थी परंतु जब प्रलय आया तो वह अपने परिवार से बिछड़ गई थी इस प्रलय में उसके पिता भी बह गए थे और अभी तक लापता है परंतु चंचल की माता कुछ समय पश्चात वापस लौट आई थी।
जब चंचल केदारनाथ प्रलय में अपने परिवार वालों से बिछड़ गई थी तब उसको किसी ने अनाथालय में पहुंचा दिया था वर्तमान समय में चंचल की आयु 17 वर्ष की हो गई है 5 साल बाद चंचल अपने परिवार वालों से दोबारा मिली है बन्नादेवी इलाके में रहने वाले चंचल के दादा हरिश्चंद्र और दादी शकुंतला देवी के लिए यह किसी चमत्कार से कम नहीं है दादा दादी ने बताया कि चंचल मानसिक रूप से कमजोर है और वह अपने माता-पिता के साथ केदारनाथ दर्शन करने के लिए गई हुई थी परंतु केदारनाथ में उस समय प्रलय आया जिसके अंदर चंचल के पिता बह गए थे जबकि मां कुछ समय बाद वापस आ गई थी जब चंचल केदारनाथ प्रलय में अपने परिवार वालों से बिछड़ी थी तब इसकी उम्र मात्र 12 वर्ष की थी चंचल को किसी भले इंसान ने जम्मू स्थित एक आश्रम द्वारा संचालित अनाथालय में भेज दिया था चाइल्ड लाइन अलीगढ़ के निदेशक ज्ञानेंद्र मिश्र ने चंचल को उसके परिवार वालों तक पहुंचाने में सहायता की है।
चाइल्ड लाइन के निदेशक ज्ञानेंद्र मिश्र ने बताया है कि उनसे आश्रम वालों ने कहा था कि कुछ महीने से वह देख रहे थे कि चंचल बोलचाल की सीमित क्षमता के बावजूद अलीगढ़ के विषय में कुछ बताने की कोशिश कर रही है इसके पश्चात उन्होंने अलीगढ़ पुलिस की सहायता ली और केदारनाथ प्रलय में जनपद के परिवारों से बिछड़े लोगों का डाटा निकलवाया गया था और फिर पुलिस ने उसके घर वालों को खोज निकाला था पुलिस की सहायता के द्वारा चंचल को उसके परिवार में वापस पहुंचाया गया चंचल के दादा दादी ने बताया कि अभी भी चंचल अपने पिता को पुकारती है वह अपने पिता राजेश को पुकारते हुए अचानक चौक कर उठ जाती है।