नई दिल्ली। कैबिनेट ने सार्वजनिक परिवहन प्राधिकरणों द्वारा ई-बसों की खरीद और संचालन के लिए पीएम-ई-बस सेवा-भुगतान सुरक्षा तंत्र (पीएसएम) योजना को मंजूरी दी। 3,435 करोड़ रुपये से अधिक के परिव्यय के साथ पीएसएम 38,000 से अधिक ई-बसों को सड़कों पर उतारने में मदद करेगी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को पीएसएम योजना को मंजूरी दी।
यह योजना वित्त वर्ष 2024-25 से वित्त वर्ष 2028-29 तक 38,000 से अधिक इलेक्ट्रिक बसों (ई-बसों) की तैनाती का समर्थन करेगी। यह योजना तैनाती की तारीख से 12 साल तक की अवधि के लिए ई-बसों के संचालन का समर्थन करेगी।
यह योजना एक समर्पित कोष के माध्यम से ऑपरेटरों को समय पर भुगतान सुनिश्चित करके उनकी चिंता का समाधान करती है। पीटीए द्वारा भुगतान में चूक की स्थिति में, कार्यान्वयन एजेंसी सीईएसएल, योजना निधि से आवश्यक भुगतान करेगी जिसे बाद में पीटीए/राज्य/संघ राज्य क्षेत्रों द्वारा वसूल किया जाएगा।
कैबिनेट : बिजली से चलने वाले वाहनों को बढ़ावा देने के लिए पीएम ई-ड्राइव योजना को मंजूरी
कैबिनेट ने बुधवार को दो वर्षों की अवधि में 10,900 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ पीएम इलेक्ट्रिक ड्राइव क्रांति इन इनोवेटिव व्हीकल एन्हांसमेंट (पीएम ई-ड्राइव) योजना को मंजूरी दी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने देश में बिजली आधारित परिवहन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ‘पीएम इलेक्ट्रिक ड्राइव रिवोल्यूशन इन इनोवेटिव व्हीकल एन्हांसमेंट (पीएम ई-ड्राइव) योजना’ के कार्यान्वयन के लिए भारी उद्योग मंत्रालय (एमएचआई) के प्रस्ताव को आज मंजूरी दी।
सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार योजना के तहत ई-2डब्ल्यू, ई-3डब्ल्यू, ई-एम्बुलेंस, ई-ट्रक और अन्य उभरते ईवी को प्रोत्साहन देने के लिए 3,679 करोड़ रुपये की सब्सिडी/मांग प्रोत्साहन दिया जाएगा। यह योजना 24.79 लाख ई-2डब्ल्यू, 3.16 लाख ई-3डब्ल्यू और 14,028 ई-बसों को सहायता प्रदान करेगी।
इस योजना में ई-एम्बुलेंस को प्रोत्साहन देने के लिए 500 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। यह भारत सरकार की एक नई पहल है, जिसके तहत मरीजों के आरामदायक परिवहन के लिए ई-एम्बुलेंस के उपयोग को बढ़ावा दिया जाएगा।
राज्य परिवहन निगमों (एसटीयू)/सार्वजनिक परिवहन एजेंसियों द्वारा 14,028 ई-बसों की खरीद के लिए 4,391 करोड़ रुपये की धनराशि प्रदान की गई है।
ट्रक वायु प्रदूषण में सबसे ज्यादा योगदान देते हैं। इस योजना से देश में ई-ट्रकों के चलन को बढ़ावा मिलेगा। ई-ट्रकों को प्रोत्साहित करने के लिए 500 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
योजना के तहत इलेक्ट्रिक वाहन सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन (ईवीपीसीएस) चयनित शहरों और चयनित राजमार्गों पर स्थापित किए जाएंगे। इस योजना में ई-4 डब्ल्यू के लिए 22,100 फास्ट चार्जर, ई-बसों के लिए 1800 फास्ट चार्जर और ई-2 डब्ल्यू/3 डब्ल्यू के लिए 48,400 फास्ट चार्जर लगाने का प्रस्ताव है। ईवी पीसीएस के लिए परिव्यय 2,000 करोड़ रुपये होगा।
एमएचआई के तत्वावधान में 780 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ परीक्षण एजेंसियों के उन्नयन को मंजूरी दी गई है।