
नई दिल्ली । केंद्र सरकार ने ‘प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना’ को मंज़ूरी दी है। योजना वर्ष 2025-26 से शुरू होकर आगामी छह वर्षों तक देश के 100 चिन्हित जिलों में लागू की जाएगी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में बुधवार को उक्त आशय के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गयी। केन्द्रीय मंत्री अश्वनी वैष्णव ने राष्ट्रीय मीडिया केन्द्र में आयोजित पत्रकार वार्ता में फैसलों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि योजना को 11 मंत्रालयों की 36 मौजूदा योजनाओं, राज्य योजनाओं और निजी क्षेत्र की साझेदारी के माध्यम से लागू किया जाएगा। चयनित 100 जिलों की पहचान कम उत्पादकता, फसल गहनता में कमी और कम ऋण वितरण जैसे तीन प्रमुख मानकों के आधार पर की गई है।
योजना के क्रियान्वयन और निगरानी के लिए जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर समितियां गठित की जाएंगी। प्रत्येक जिले में योजना की प्रगति को 117 प्रदर्शन संकेतकों के माध्यम से मापा जाएगा।
योजना के प्रमुख उद्देश्यों में कृषि उत्पादकता को बढ़ाना, फसल विविधीकरण और सतत कृषि पद्धतियों को अपनाना, ग्राम पंचायत और ब्लॉक स्तर पर फसल कटाई के बाद भंडारण क्षमता बढ़ाना, तथा सिंचाई सुविधाओं में सुधार के साथ दीर्घकालिक और अल्पकालिक कृषि ऋण की उपलब्धता सुनिश्चित करना शामिल है। खबर अपडेट की जा रही है