क्या ईरान ने अमेरिकी हमले से पहले छिपा लिया 400 KG यूरेनियम? ये 10 परमाणु बम बनाने के लिए काफी

Iran Nuclear Site: अमेरिका के बंकर बस्टर हमले से ठीक पहले ईरान से 400 किलो समृद्ध यूरेनियम गायब हो गया, जो करीब 10 परमाणु बम बनाने के लिए काफी था. सैटेलाइट तस्वीरों और इजरायली खुफिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ईरान ने हमले से पहले इस संवेदनशील ईंधन को अपनी न्यूक्लियर साइट से हटाकर कहीं और शिफ्ट कर दिया.

Iran Nuclear Site: तेहरान पर अमेरिका के बंकर बस्टर हमले से पहले ईरान ने बड़ी चाल चली. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बमबारी से कुछ दिन पहले ही ईरान ने करीब 400 किलोग्राम उच्च स्तरीय समृद्ध यूरेनियम को कथित तौर पर शिफ्ट कर दिया. ये लगभग दस परमाणु बम बनाने के लिए पर्याप्त है. सैटेलाइट इमेज और इजरायली खुफिया एजेंसियों के हवाले से दावा किया गया है कि यह यूरेनियम हमले से पहले ट्रकों के जरिए फोर्डो साइट से कहीं और पहुंचाया गया.

अब इस बात को लेकर रहस्य गहरा गया है कि ये संवेदनशील परमाणु ईंधन आखिर गया कहां? क्या ईरान ने इसे जमीन में दबा दिया, किसी और जगह पहुंचा दिया या अब भी कुछ हिस्सा नष्ट हुए ठिकानों में ही मौजूद है? 

सैटेलाइट तस्वीरों से बड़ा खुलासा

मैक्सर टेक्नोलॉजीज द्वारा जारी सैटेलाइट तस्वीरों में अमेरिका के हमले से पहले ईरान की फोर्डो न्यूक्लियर फैसिलिटी के बाहर 16 ट्रक दिखाई दिए. जबकि हमले के बाद की तस्वीरों में ये ट्रक वहां से गायब थे. यह वही जगह है जो पहाड़ के भीतर बंकर जैसी संरचना में बनाई गई है और अब तक हमलों से सुरक्षित मानी जाती थी.

हमले से पहले ईंधन गायब, IAEA की पुष्टि

IAEA (अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी) के प्रमुख राफेल ग्रोसी ने CNN से बातचीत में कहा, “ईरान ने कभी नहीं छुपाया कि वे इस सामग्री की सुरक्षा कर रहे थे.” जब उनसे पूछा गया कि क्या इसका मतलब है कि यूरेनियम को वहां से हटाया गया, तो उन्होंने जवाब दिया, “हां, मुझे ऐसा ही लगता है.” यूरेनियम, जिसे 60% तक समृद्ध किया गया था, आखिरी बार युद्ध शुरू होने से एक हफ्ता पहले IAEA निरीक्षकों द्वारा देखा गया था.

ईरान का परमाणु कार्यक्रम तबाह: ट्रंप का दावा

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रविवार को कहा, “ईरान का न्यूक्लियर प्रोग्राम पूरी तरह से तबाह कर दिया गया है.” उन्होंने बताया कि अमेरिकी बलों ने फोर्डो, नतांज और इस्फहान में बंकर बस्टर बम गिराए. यह हमला सात B-2 स्पिरिट बॉम्बर्स और टोमहॉक क्रूज मिसाइलों की मदद से 37 घंटे तक चला.

लेकिन अगले ही दिन अमेरिकी उपराष्ट्रपति जे.डी. वेंस ने ट्रंप के दावे को थोड़ा धीमा किया. उन्होंने ABC के ‘दिस वीक’ कार्यक्रम में कहा, “हम आने वाले हफ्तों में सुनिश्चित करेंगे कि उस फ्यूल का क्या करना है.” उन्होंने स्वीकार किया कि अब तक 9 से 10 परमाणु हथियारों के लिए पर्याप्त यूरेनियम बरामद नहीं किया जा सका है.

कहां गया 400 किलो यूरेनियम?

इजरायली खुफिया एजेंसियों के अनुसार, हमले से पहले ईरान के अधिकारियों ने फोर्डो साइट से ट्रकों में यूरेनियम लोड कर दूसरी जगह भेज दिया था. न्यूयॉर्क टाइम्स को दो इजरायली इंटेलिजेंस सूत्रों ने बताया, “ईरान ने ट्रंप की सैन्य धमकियों को गंभीरता से लेते हुए पहले ही 400 किलो समृद्ध यूरेनियम हटा दिया था.” यह ईंधन इस्फहान के एक परिसर में छोटे कंटेनरों में रखा गया था, जिन्हें आम कारों में भी ले जाया जा सकता था.

कोई ताजा निरीक्षण नहीं, युद्ध के कारण IAEA की जांच रुकी

IAEA प्रमुख ग्रोसी ने बताया कि इजरायल के हमले शुरू होने के बाद ईरान ने परमाणु स्थलों पर सभी निरीक्षण निलंबित कर दिए हैं. उन्होंने UN सुरक्षा परिषद को चेतावनी दी कि “लगातार सैन्य टकराव इस ज़रूरी निगरानी कार्य को रोक रहा है और कूटनीतिक समाधान की संभावना को कम कर रहा है.”

क्या कुछ यूरेनियम अब भी नष्ट ठिकानों में फंसा है?

अमेरिकी रक्षा सचिव पीट हगसेथ और ज्वाइंट चीफ्स के प्रमुख जनरल डैन केन ने पुष्टि की कि तीनों साइट्स पर भारी क्षति और तबाही हुई है. फोर्डो साइट पर 30,000 पाउंड बमों की वजह से पहाड़ी संरचना में कई दरारें आई हैं.

हालांकि विश्लेषकों का मानना है कि कुछ प्रमुख सेंट्रीफ्यूज अब भी अंदर हो सकते हैं, क्योंकि इन्हें हटाना बेहद कठिन और समय-साध्य है. एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा, “पूरा सिस्टम इतनी जल्दी हटाना व्यावहारिक नहीं होता.”

दो से पांच साल की देरी, लेकिन खतरा बना हुआ

पूर्व पेंटागन अधिकारी और CIA विश्लेषक मिक मुलरॉय ने कहा, “इस तरह के हथियारों से किए गए हमले से ईरान का परमाणु कार्यक्रम दो से पांच साल पीछे चला गया है.” लेकिन खुफिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ईरान पहले ही नतांज साइट की जगह कहीं और गहरे में नया ठिकाना बनाने की तैयारी में था.

फिलहाल कोई ठोस सार्वजनिक प्रमाण नहीं है कि ईरान सक्रिय रूप से परमाणु हथियार बना रहा है, हालांकि अमेरिका और इजरायल का दावा है कि वह हथियार निर्माण की दिशा में फिर से सक्रिय हो चुका है. ईरान इस आरोप को सिरे से खारिज करता है.

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