
यूक्रेन जंग में सीजफायर को लेकर राष्ट्रपति पुतिन और राष्ट्रपति ट्रम्प के बीच मंगलवार को फोन पर 90 मिनट बातचीत हुई। यह बातचीत भारतीय समयानुसार शाम 7:30 बजे शुरू हुई थी।
NYT के मुताबिक पुतिन 30 दिनों तक यूक्रेन के ऊर्जा ठिकानों पर हमला नहीं करने के लिए राजी हो गए हैं, बशर्ते यूक्रेन भी रूस के एनर्जी ठिकानों पर हमला नहीं करेगा।
हालांकि यूक्रेनी शहरों और सैन्य ठिकानों पर हमले जारी रह सकते हैं। इसके साथ ही 19 मार्च यानी आज रूस और यूक्रेन 175-175 सैनिकों की अदला बदली करेंगे।
रूस की मांग है कि 30 दिनों के सीजफायर के दौरान यूक्रेन में सेनाओं की गतिविधि बंद रहे। इसके साथ ही ब्लैक-सी में जहाजों की सिक्योरिटी के मुद्दे पर बातचीत शुरू होगी।
यूक्रेन जंग पर दोनों देशों की दो महीने में चार वार्ता…
- 12 फरवरी- ट्रम्प और पुतिन ने फोन पर बात की।
- 27 फरवरी- इस्तांबुल में अमेरिकी और रूसी डिप्लोमैट्स की बैठक।
- 13 मार्च- ट्रम्प के विशेष प्रतिनिधि स्टीव विटकॉफ की पुतिन से मुलाकात।
- 18 मार्च- ट्रम्प और पुतिन ने सीजफायर पर 90 मिनट बात की।
यूक्रेन जंग से जुड़े बड़े अपडेट्स…
- क्रेमलिन ने कहा कि दोनों राष्ट्रपतियों के बीच यूक्रेन मुद्दे पर डिटेल में बातचीत हुई। दोनों नेताओं ने ग्लोबल सिक्योरिटी और संबंधों को सामान्य बनाने पर बात की।
- पुतिन के बिजनेस प्रतिनिधि किरिल दिमित्रिएव ने कहा कि राष्ट्रपति पुतिन और राष्ट्रपति ट्रम्प की लीडरशिप में आज दुनिया बहुत ज्यादा सुरक्षित जगह बन गई है।
- यूक्रेन राष्ट्रपति जेलेंस्की सैन्य सहायता पर बात करने के लिए फिनलैंड पहुंचे हैं। यहां पर वो यूक्रेन में हथियार उत्पादन में इन्वेस्टमेंट और यूरोप से एकीकरण चर्चा करेंगे।
- रूसी राष्ट्रपति ने G-7 देशों का मजाक उड़ाते हुए कहा है कि यह इतना छोटा है कि इसे मैप पर देख ही नहीं सकते हैं। दुनिया पर अब पश्चिमी देशों का कंट्रोल खत्म हो रहा है।
- राजधानी मॉस्को में भाषण देते हुए पुतिन ने कहा कि पश्चिम देशों की तरफ से हम पर लगाए गए 28000 से ज्यादा प्रतिबंध रूसी अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने में नाकाम रहे।
- यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष ने कहा कि रूस समेत अन्य खतरों के मद्देनजर यूरोप को अपनी रक्षा क्षमताएं बढ़ानी होगी। उन्होंने इस योजना को रेडीनेस-2030 नाम दिया।
- रूसी राष्ट्रपति ऑफिस क्रेमलिन ने कहा कि पुतिन चाहते हैं कि अमेरिका और यूरोप यूक्रेन को हथियारों सप्लाई बंद कर दें।
- इटली की PM ने शांति समझौता होने पर यूक्रेन में शांति सेना तैनात करने का फ्रांस और ब्रिटेन का प्रस्ताव खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि इससे कोई फायदा नहीं होगा।
- फ्रांस के नेता और यूरोपीय संसद सदस्य राफेल ग्लक्समैन ने अमेरिका से स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी वापस करने की मांग की। उन्होंने कहा कि अमेरिका अत्याचारियों के पक्ष में है।
ट्रम्प बोले- पुतिन से बात करने का अच्छा मौका
एक दिन पहले यानी सोमवार को ट्रम्प ने मीडिया से कहा कि हम यह हम देखना चाहते हैं कि क्या हम उस युद्ध को समाप्त कर सकते हैं। हो सकता है कि हम कर सकें, हो सकता है कि हम न कर सकें, लेकिन मुझे लगता है कि हमारे पास राष्ट्रपति पुतिन से बात करने का अच्छा मौका है।
व्हाइट हाउस का मानना है कि शांति एक अच्छा विकल्प है, लेकिन यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की को इस बात पर यकीन नहीं है कि पुतिन सीजफायर को लेकर गंभीर हैं।
रूस बोला- नाटो वादा करे कि यूक्रेन को मेंबरशिप नहीं देगा
यूक्रेनी राष्ट्रपति व्लोदिमीर जेलेंस्की 30 दिन के सीजफायर प्रस्ताव पर सहमत हैं। रूस ने भी सैद्धांतिक तौर पर सहमति जताई है।
हालांकि रूसी उप विदेश मंत्री अलेक्जेंडर ग्रुश्को का कहना है कि हमें इस बात की ठोस गारंटी मिलनी चाहिए कि यूक्रेन न्यूट्रल पोजिशन में रहेगा, नाटो देशों को यह वादा करना होगा कि वो यूक्रेन को मेंबरशिप नहीं दें.
यूक्रेन 30 दिन के सीजफायर के लिए तैयार
पिछले मंगलवार यानी 11 मार्च को सऊदी अरब में अमेरिका और यूक्रेन के प्रतिनिधियों की बैठक हुई थी। इस बैठक में यूक्रेन ने 30 दिन के सीजफायर पर सहमति जताई है। हालांकि तब रूस ने किसी भी अस्थाई सीजफायर से इनकार किया था।
रूस ने पश्चिमी देशों से एक व्यापक सुरक्षा समझौते की मांग की है। इसमें यूक्रेन को NATO में शामिल नहीं करने की गारंटी भी शामिल है। दिसंबर में पुतिन ने कहा था कि “हमें सीजफायर की नहीं शांति की आवश्यकता है। रूस और उसके नागरिकों को सुरक्षा गारंटी के साथ शांति चाहिए।”
यूक्रेन का 20% हिस्सा रूस के कंट्रोल में
रूस बीते तीन साल में यूक्रेन का लगभग 20% हिस्सा हथिया चुका है। राष्ट्रपति पुतिन यूक्रेन के चार पूर्वी प्रांत डोनेट्स्क, लुहांस्क, जापोरिज्जिया और खेरसॉन को रूस में शामिल कर चुके हैं। जबकि रूस के कुर्स्क इलाके में दोनों सेनाओं में संघर्ष जारी है।