क्या महाराष्ट्र सरकार औरंगजेब की कब्र हटा सकती है? जानिए कानूनी पेच

महाराष्ट्र के खुल्दाबाद में स्थित मुगल शासक औरंगजेब के मकबरे को लेकर सियासत गर्मा गई है. हिंदूवादी संगठनों ने इसे हटाने की मांग तेज कर दी है, वहीं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी इस मांग का समर्थन कर चुके हैं. इस विवाद के चलते सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है और किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए खुल्दाबाद में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है.

हिंसा और बढ़ता तनाव

औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग पर नागपुर में हिंसा भड़क उठी. दर्जनों गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया, और पुलिस पर पथराव किया गया, जिसमें कई लोग घायल हो गए. पुलिस ने अब तक लगभग 50 लोगों को गिरफ्तार किया है. यह मकबरा भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के संरक्षण में है. किसी भी ऐतिहासिक स्मारक या संरक्षित स्थल को बिना कानूनी प्रक्रिया के हटाना संभव नहीं.

क्या सरकार औरंगजेब की कब्र को हटा सकती है?

किसी भी ऐतिहासिक स्थल को हटाने या उसके स्वरूप में बदलाव करने के लिए कानूनी प्रक्रिया का पालन करना अनिवार्य. संरक्षित स्मारकों से जुड़ा कोई भी निर्णय भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) और केंद्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में आता है. किसी स्मारक को नुकसान पहुंचाने या उसमें तोड़फोड़ करने पर कड़े कानूनी प्रावधान लागू होते हैं, जिसमें भारी जुर्माना और सजा का प्रावधान है.

क्या महाराष्ट्र सरकार औरंगजेब की कब्र हटा सकती है? जानिए कानूनी पेच

महाराष्ट्र में औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है. कई हिंदूवादी संगठनों ने इस मकबरे को हटाने की चेतावनी दी है, जबकि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी इस मांग का समर्थन कर चुके हैं. लेकिन सवाल उठता है कि क्या राज्य सरकार इसे हटा सकती है? आइए जानते हैं इसके कानूनी पहलू..

क्या राज्य सरकार कब्र हटा सकती है?

  • Ancient Monuments and Archaeological Sites and Remains Act (AMASR) के सेक्शन-19 के तहत किसी भी संरक्षित स्मारक को हटाना, तोड़ना या नुकसान पहुंचाना गैरकानूनी है.
  • यदि कोई ऐसा करता है, तो कानूनी कार्रवाई और सजा का प्रावधान है.
  • जब तक औरंगजेब की कब्र भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की संरक्षित सूची में है, राज्य सरकार इसे नहीं हटा सकती.

क्या औरंगजेब की कब्र को हटाने की प्रक्रिया संभव है?

यदि महाराष्ट्र सरकार इस कब्र को हटाना चाहती है, तो उसे कुछ कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करना होगा:

  •  ASI या संस्कृति मंत्रालय को प्रस्ताव भेजना होगा कि इस मकबरे को संरक्षित स्मारकों की सूची से हटाया जाए.
  •  संस्कृति मंत्रालय इस प्रस्ताव पर निर्णय ले सकता है, और यदि इसे सूची से हटा दिया जाता है, तो फिर इसे हटाने का रास्ता साफ हो सकता है.
  •  हालांकि, 1973 से यह संपत्ति महाराष्ट्र वक्फ बोर्ड द्वारा ‘वक्फ संपत्ति’ घोषित की जा चुकी है.
  • अगर ASI इसे संरक्षित स्मारकों की सूची से हटा भी देता है, तब भी यह कब्र वक्फ बोर्ड के अधीन आ जाएगी, और सरकार को यह साबित करना होगा कि यह वक्फ की संपत्ति नहीं है.
  • केवल इसके बाद ही कानूनी रूप से इस कब्र को हटाने की प्रक्रिया आगे बढ़ सकती है.

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