
Tahawwur Rana: राष्ट्रीय जांच एजेंसी NIA 2008 के मुंबई आतंकी हमले के मुख्य आरोपी तहव्वुर राणा को अमेरिका से भारत लेकर आ गई है. शुक्रवार को उसकी कोर्ट में पेशी हुई और 18 दिन की कस्टडी में भेजा गया है. उससे कई तरह की पूछताछ की जाएगी.
हिन्दुस्तान की रिपोर्ट के मुताबिक,एनआईए राणा से पाकिस्तान में मौजूद उसके साथियों के बारे में पूछा जा रहा है. एजेंसी इस दौरान राणा का एक गोपनीय गवाह से आमना-सामना करवाने वाली है. राणा के मुबंई हमले की प्लानिंग से लेकर उसे अंजान देने तक की एक-एक डिटेल के बारे में जानकारी ली जाएगी.
NIA पेश करेगी एक गवाह
जानकारी के अनुसार, एनआईए के पास हमले के एक बड़ा गवाह है, जिससे राणा की मुलाकात कराई जाएगी. दावा किया गया है कि गोपनीय गवाह 2006 में डेविड कोलमैन हेडली को मुंबई में रिसीव किया था और उसके लिए ठहरने और दूसरी व्यवस्थाएं की थीं.
एजेंसी ने साल 2010 में अमेरिका में डेविड हेडली से पूछताछ की थी. इस बार पूछताछ का मुख्य हिस्सा है वो गोपनीय गवाह, जो राणा के बचपन के दोस्त और 26/11 हमले के मुख्य साजिशकर्ता हेडली से जुड़ा हुआ है. अधिकारियों के मुताबिक, यह गवाह राणा के बहुत करीब था और जल्द ही उसे राणा के सामने लाया जा सकता है.
कौन है गवाह?
अदालत में अभी गवाह के नाम और उसकी पहचान को छिपाया गया है, जिससे उसे पाकिस्तान की एजेंसियों और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों से खतरे से बचाया जा सके. राणा जब उसे देखेगा तो उसके पैरो तले जमीन खिसक जाएगी.
हमले के वीडियो बनाने का निर्देश
एनआईए की जांच के अनुसार, साल 2006 के आसपास जब हमले की योजना बन रही थी, हेडली पहले पाकिस्तान गया था जहां उसने लश्कर-ए-तैयबा के नेताओं से मुलाकात की. इस दौरान निर्देश मिला कि मुंबई के कुछ इलाकों की वीडियो बनाकर लाए, जिनमें ताज होटल भी शामिल था. इसके बाद हेडली सितंबर 2006 में भारत आया और उसने अपने पाकिस्तान स्थित हैंडलरों के कहने पर वीडियो बनाए.
एक ऑफिसर ने कहा, इस यात्रा के दौरान हेडली और राणा के एक करीबी व्यक्ति ने की, जो अब एक इस हमले के गवाह है. इस व्यक्ति को राणा का फोन आया था, जिसके बाद इस व्यक्ति ने हेडली के लिए रहने की व्यवस्था और अन्य व्यवस्थाएं कीं. अब उसी गवाह को एनआईए बतौर सबसे बड़े सबूत के रूप में पेश करने वाली है.