लंदन । गर्भावस्था के दौरान जच्चा और बच्चा दोनों की बेहतर स्वास्थ्य के लिए काफी सतर्क रहने की जरूरत पड़ती है। ऐसे में अगर आप भी मां बनने वाली हैं तो इस अध्ययन पर जरूर गौर करें। हाल ही में हुए एक अध्ययन में बताया गया है कि वे महिलाएं जो गर्भावस्था के दौरान पैरासिटामॉल लेती हैं, उनके होने वाले बच्चे का आईक्यू कम होने का खतरा रहता है। इतना ही नहीं, गर्भावस्था के दौरान पैरासिटामॉल लेने से बच्चे में ऑटिज्म और एडीएचडी जैसी बीमारियों का भी खतरा रहता है। रिसर्च कहती है, ब्रेन, प्रजनन और मूत्र से जुड़ी बीमारियों से पैरासिटामॉल का कनेक्शन मिला है। इसे समझने के लिए शोधकर्ताओं की टीम ने 1995 से 2020 में बीच हुई पैरासिटामॉल और गर्भावस्था से जुड़ी रिसर्च की एनालिसिस की।
बार्सीलोना इंस्टीट्यूट फॉर ग्लोबल हेल्थ की लीड रिसर्चर सिल्विया एलेमनी ने कहा कि हमारी रिसर्च में पहले जैसे ही आंकड़ें निकले हैं। इस टीम ने करीब 1 लाख 50 हजार मांओं और बच्चों से जुड़ी 9 स्टडीज का परीक्षण किया।
जिसके बाद अनुसंधानकर्ताओं का दावा है कि पैरासिटामॉल जिसे एस्टामिनोफिन भी कहते हैं लेने से यूट्रस में मौजूद हॉर्मोन्स का बैलेंस बिगड़ जाता है। एक स्टडी में पाया गया कि वैसी मांएं जिन्होंने फीवर के बिना सिर्फ दर्द से बचने के लिए पैरासिटामॉल का सेवन किया उनके 5 साल के बच्चों के आईक्यू में 3 पॉइंट की कमी देखी गई। वहीं एक दूसरी स्टडी में पैरासिटामॉल का सेवन और बच्चों के देर से बोलने के बीच भी संबंध पाया गया।
गर्भावस्था के दौरान सिगरेट पीने से भी मां और बच्चे की सेहत पर बुरा असर होता है। अनुसंधानकर्ताओं द्वारा खोजे गए ये नतीजे जर्नल ऑफ हॉर्मोन्स एंड बिहेवियर में प्रकाशित हुए जिसमें कहा गया कि गर्भावस्था के दौरान पैरासीटामोल का लंबे वक्त तक इस्तेमाल यानी होने वाले बच्चे में बीमारी का खतरा अधिक है।