नई दिल्ली (ईएमएस)। केंद्रीय दूरसंचार विभाग, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और आईआईटी कानपुर ऐसा काम कर रहा है, जिससे आप बिना इंटरनेट के टीवी देख सकेंगे। भारत के लोगों को जल्द ही ये सुविधा मिलने लगेगी। जानकारी के अनुसार यह ब्रॉडबैंड और ब्रॉडकास्ट का मिश्रण है। मोबाइल पर जिस टेक्नोलॉजी से एफएम रेडियो प्रसारित होता है, डी2एम वैसी ही है। फोन में लगा रिसीवर रेडियो फ्रीक्वेंसी पकड़ेगा। इसके लिए 526-582 मेगाहर्ट्स बैंड का प्रयोग करने की तैयारी है। इस बैंड का उपयोग अभी टीवी ट्रांसमीटर के लिए होता है।
अभी देश में 21 से 22 करोड़ परिवारों में टीवी है। स्मार्टफोन के 80 करोड़ से ज्यादा यूजर हैं, जो 2026 तक 100 करोड़ होंगे। इसलिए सरकार टीवी कंटेंट को ज्यादा लोगों तक भेजने के लिए फोन को सबसे बड़ा प्लेटफॉर्म मान रही है।
सरकार इससे शिक्षा और इमरजेंसी सेवाओं का प्रसारण करना चाहती है। बीते जून में आईआईटी कानपुर ने देश में डी2एम प्रसारण और 5जी कन्वर्जेंस रोडमैप पर एक श्वेतपत्र पब्लिश किया था। इसमें कहा गया है कि ब्रॉडकास्टर डी2एम नेटवर्क से क्षेत्रीय टीवी, रेडियो, एजुकेशनल कंटेंट, इमरजेंसी अलर्ट सिस्टम, आपदा से जुड़ी सूचनाएं, वीडियो के अलावा डेटा से चलने वाले ऐप की सुविधा दे पाएंगे। ये ऐप बिना इंटरनेट चलेंगे और दाम भी कम देने पड़ेंगे। मोबाइल ऑपरेटर विरोध कर सकते हैं, क्योंकि डी2एम से उनका डेटा रेवेन्यू प्रभावित होना तय है। उनका 80 फीसदी ट्रैफिक वीडियो से आता है।