ऑनलाइन फूड डिलीवरी कंपनी जोमैटो अब जल्द ही अपने ग्राहकों तक 10 मिनट में खाना पहुंचाएगी।इसे ‘जोमैटो इंस्टेंट’ नाम दिया गया है और इसके ट्रायल के लिए कंपनी हरियाणा के गुरुग्राम में पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने वाली है।जोमैटो का दावा है कि इससे खाना डिलीवर करने वाले पार्टनर पर बोझ नहीं बढ़ेगा और न ही देरी से खाना डिलीवर करने पर उन्हें किसी प्रकार की पेनल्टी लगाई जाएगी। आइये इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
जोमैटो का यह प्लान काम कैसे करेगा?
जल्द से जल्द डिलीवरी के लिए जोमैटो ‘फिनिशिंग स्टेशन’ नेटवर्क तैयार करेगी। ये ऐसी जगहों पर बनाए जाएंगे, जहां खाने की मांग अधिक रहती है। शुरुआत में गुरुग्राम में चार ऐसे स्टेशन बनाए जाएंगे।ये ठीक उसी तरह काम करेंगे, जैसे जेप्टो और ब्लिंकिट (पहले ग्रोफर्स) के स्टोर काम करते हैं।ज्यादा मांग वाले इलाकों में बने इन स्टोर्स की मदद से कंपनियों को ऑर्डर होने के तुरंत बाद सामान डिलीवर करने में मदद मिलती है।
ग्राहकों के लिए कम हो जाएगी खाने की कीमत- जोमैटो
मांग के अनुमान और पहले से आए ऑर्डर के विश्लेषण के आधार पर हर फिनिशिंग स्टोर में उस इलाके में सबसे ज्यादा बिकने वाले 20-30 आइटम रखे जाएंगे। जैसे ही कोई ग्राहक खाना ऑर्डर करेगा, इन स्टेशन से उसे ऑर्डर डिलीवर होने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।जोमैटो को उम्मीद है कि इस मॉडल से ग्राहकों को खाना लगभग 50 प्रतिशत तक सस्ता पड़ेगा, जबकि डिलीवरी और रेस्टोरेंट पार्टनर की आय पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
नया मॉडल क्यों शुरू करना चाहती है जोमैटो?
कंपनी के सह-संस्थापक दीपिंदर गोयल ने ट्विटर पर लिखा कि जोमेटा का 30 मिनट औसत डिलीवरी टाइम बहुत धीमा है और यह जल्द ही किसी काम का नहीं रहने वाला।उन्होंने कहा कि जोमैटो ऐप पर लोग सबसे ज्यादा उन रेस्टोरेंट को ढूंढते हैं, जहां से सबसे कम समय में खाना आ सके। ग्राहकों को अपनी जरूरतों का समाधान तुरंत चाहिए। वो योजना नहीं बनाना चाहते और न ही इंतजार करना चाहते हैं।
ऐसा करने वाली पहली कंपनी होगी जोमैटो
जोमैटो ने यह भी कहा है कि इस मॉडल के दौरान सफाई और डिलीवरी पार्टनर की सुरक्षा का पूरा ख्याल रखा जाएगा। कंपनी का दावा है कि वह 10 मिनट में खाना डिलीवर करने वाली दुनिया की पहली कंपनी होगी।
जोमैटो पिछले साल जुलाई में अपना इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) लाई थी। 9,375 करोड़ रुपये के इस IPO में 9,000 करोड़ रुपये के ताजा शेयर थे और 375 करोड़ रुपये के इंफो ऐज (इंडिया) के ऑफर फॉर सेल (OFS) शामिल थे।बता दें, जब कोई कंपनी अपने शेयर को पहली बार जनता के लिए जारी करती है तो उसे IPO कहा जाता है। लिमिटेड कंपनियां शेयर बाजार में लिस्ट होने के लिए IPO लाती हैं।