
लखनऊ । बिहार में पहली दफा एके47 का तारूफ कराने वाला आशोक सम्राट हो यहां यूपी में उसकी दस्तक से लोंगो को हिला देने वाला डाॅन श्री प्रकाश शुक्ला हो जो इस प्रतिबंधित असलहे से कितनों को मौत की नींद सुला चुका था। जिसके बाद पुरे प्रदेश मे माफिया इस प्रतिबंधित असलहे को खरीदने और घटना को अन्जाम देने के लिए इस्तेमाल करने लगे। उतर प्रदेश में हुई तमाम बड़ी हत्याओं में इसी एके47 का इस्तेमाल कर कई लोंगो को हमेशा के लिए सुला दिया गया । उतर प्रदेश में कई दशकों बाद प्रयागराज में माफिया अतीक अहमद और भाई अशरफ की हत्या में इस्तेमाल हुई आटोमेटिक जिगाना पिस्टल ने पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों के कान खड़े कर दिए है। वो प्रतिबंधित जिगाना पिस्टल जिसका इस्तेमाल पंजाब के गैंगस्टर लारेंस बिस्नौई करता है। उसकी दशतक यूपी में गूजने लगी वो भी ऐसे शूटरों के पास जो महज अभी 18 से 20 साल के है। अब यूपी एसटीएफ इस जानकारी को इकठ्ठा करने में जुट गई है। कि जिगाना जैसा अत्याधुनिक और प्रतिबंधित असलहा इतनी कम उम्र के अपराधियों के पास कैसे पहुंचा यहां किसने दिया। जिगाना पिस्टल दिल्ली के टाॅप गैगस्टरों की भी पहली पंसद है। सू़त्रो की माने तो लाॅरेंस बिश्नौई ने यहां प्रतिबंधित पिस्टल गैंगस्टर जितेंद्र गोगी गैंग से जब हाथ मिलाया था। तो उसे तोहफे में जिगाना पिस्टल दी थी। जिसकी खुबीया देखकर वो इतना खुश हुआ था। की अपने गिरोह को इसे खरीदने का हूकुम दे बैठा था। बीते साल सितमबंर में इस गैंगस्टर को रोहिणी कोर्ट में शुटरों ने जिगाना पिस्टल से गोलियों की बौछार कर हमेशा के लिए खामोश कर दिया था।
दिल्ली पुलिस ने कब-कब गैंगस्टरों के पास से बरामद की जिगाना पिस्टल
नवबंर2020 को गैंगस्टर हाशिम बाबा को जिगाना पिस्टल के साथ दबोचा गया।
मार्च 2020 में जितेन्द्र गोगी,कुलदीप फज्जा और रोहित मोइ को जब दबोचा गया था तो करीब तीन जिगाना पिस्टल मिली थी ।
अप्रैल 2021 में लाॅरेस बिश्नौई-काला जठेड़ी गैंग के पांच शूटरों को दबोचा गया इनके पास से दो जिगाना पिस्टल मिली
अक्टूबर2021 में गोगी गैंग और लाॅरंेस बिश्नौई गुट के चार शूटर नौ पिस्टलों के साथ दबोचे गए जिसमें जिगाना भी थी।
जनवरी2022 को जितेन्द्र गोगी गैग के शूटर करमवीर को जिगाना पिस्टल और बीस कारतूस के साथ दबोचा गया ।
जिगाना पिस्टल क्यों बनी दिल्ली, पंजाब और अब यूपी के माफियाओं की पहली पसंद।
पुलिस के एक बड़े अधीकारी की माने तो जिगाना पिस्टल की अपराधियों के बीच इतनी मांग इस लिए है। क्योकि यहां पिस्टल न सिर्फ महगी है, बल्कि इसे हासिल करना भी बड़ा मुश्किल काम है। क्योकि इसे सिर्फ बड़े गैंगस्टर ही खरीद सकते है। उन्होने बताया कि ब्लैंक मार्केट में गैंगस्टर प्रतिबंधित जिगाना पिस्टल के लिए 10 से 12 लाख तक किमत चुकाते है, क्योकि यहा पिस्टल जाम और लाॅक नही होती और 15-17 राउड़ फायर कर सकती है। जिसके बाद यहां सवाल पैदा होता है कि प्रयागराज में माफिया ब्रदर्स की हत्या करने वाले शनि,अरूण,लवलेश के पास इतना पैसा कहां से आया और की उन्होने जिगाना जैसा प्रतिबंधित असलहा प्रदेश में पहली बार इस्तेमाल कर एसटीएफ और पुलिस को चैका दिया । पूछताछ में हत्या आरोपीयों ने खुद को लाॅरेंस बिश्नौई से प्रवभावित बताया और कहा की वो उसके विड़ियो को देखकर उस जैसा बनना चाहते थे। इसी लिए उन्होने माफिया ब्रदर्स अतीक और अशरफ को मौत की नींद सुला दिया । इसके बावजूद एसटीएफ और पुलिस अब इस नेटर्वक की कड़ियों को जोड़ रही है। कि जिगाना पिस्टल इनके पास कहां से आई यहां किसी बड़े माफिया ने इनका इस्तेमाल माफिया बद्रर्स को रास्ते से हटाने के लिए किया। वहीं अब एसटीएफ प्रदेश में इस पिस्टल की तस्करी करने वाले यहां शूटरों को जिगाना पिस्टल मोहिया कराने वालों की तह तक पहुंचने की कोशिशों में जुटी हुई है।













