हिन्दुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (एचयूआरएल) के खाद कारखाना में अमोनिया गैस बननी शुरू हो गई है। 2250 टन अमोनिया के रिजर्व स्टाक होने के साथ नीम कोटेड यूरिया का उत्पादन शुरू होगा। 10-12 दिनों में यूरिया का भी उत्पादन शुरू हो जाएगा। किसानों के लिए खुशखबरी यह है कि सबसे पहले गोरखपुर को नीम कोटेड यूरिया मिलेगी। इसके बाद इसे दूसरे जिलों और राज्यों में भेजा जाएगा।
2250 टन अमोनिया का रहेगा स्टाक, पहले गोरखपुर में मिलेगी यूरिया
सात दिसंबर 2021 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने खाद कारखाना का शुभारंभ किया था। 24 घंटे यूरिया का उत्पादन किया गया। इसके बाद मशीनों के अनुरक्षण के लिए खाद कारखाना को बंद कर दिया गया। अब मशीनों के अनुरक्षण का कार्य पूरा होने के साथ ही खाद कारखाना को चलाने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। यूरिया अमोनिया से बनाई जाती है, इसलिए अमोनिया गैस का स्टाक पूरा किया जा रहा है। अमोनिया बनने के सुरक्षा मानकों की तीन स्तरों पर जांच की जा रही है। विदेश से आए विशेषज्ञों के साथ ही निर्माण एजेंसी टोयो और एचयूआरएल के इंजीनियर पूरी प्रणाली की अलग-अलग जांच कर रहे हैं। अमोनिया गैस के बनने से लेकर टैंक में इसके स्टाक तक की पूरी प्रणाली को निगरानी में रखा गया है। अमोनिया गैस के प्रीलिंग टावर के ऊपरी हिस्से में पहुंचने और वहां से यूरिया बनने की प्रक्रिया के निरीक्षण के लिए अलग टीम लगाई गई है।
कोटा अभी तय नहीं
खाद कारखाना में नीम कोटेड यूरिया के वाणिज्यिक उत्पादन की स्वीकृति प्राप्त करने की दिशा में भी काम शुरू हो गया है। नीम कोटेड यूरिया का उत्पादन शुरू होने पर कृषि विभाग की टीम क्वालिटी की जांच कर वाणिज्यिक उत्पादन की स्वीकृति देगी। इसके बाद यूरिया किसानों के पास भेजी जाएगी। स्वीकृति लेने की प्रक्रिया भी उत्पादन के 24 घंटे के भीतर पूरी हो जाएगी। इसके बाद यूरिया का कोटा तय किया जाएगा। इसके तहत किन जिलों या राज्यों में कितनी मात्रा में गोरखपुर से यूरिया भेजी जानी है, इसे तय किया जाएगा। वहीं एचयूआरएल ने उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों में दो-दो डीलर बनाकर तीन-तीन सौ फुटकर विक्रेताओं को जोड़ा है। उत्तर प्रदेश के साथ बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, ओडिशा और मध्य प्रदेश में भी डीलर बना दिए गए हैैं।