विधानसभा चुनाव 2022 का परिणाम नई सरकार का फैसला तो करेगा ही गोरखपुर में हजारों करोड़ के निवेश का भविष्य भी तय करेगा। तीन दर्जन से अधिक उद्यमी गोरखपुर में करीब 20 हजार करोड़ के निवेश के लिए तैयार हैं लेकिन उनकी तैयारी विधानसभा चुनाव के परिणाम पर ही निर्भर करेगी। कई उद्यमी पिछले छह महीने से यहां के अधिकारियों एवं उद्यमियों के संपर्क में हैं। यह निवेश इस बात पर निर्भर करेगा कि आने वाली सरकार पर बिजली, सुरक्षा व अनावश्यक राजनीतिक हस्तक्षेप रोकने को लेकर उनका विश्वास बन पाता है या नहीं।
गोरखपुर में निवेश की संभावनाओं पर अधिकारियों से संपर्क कर चुके हैं तीन दर्जन से अधिक उद्यमी
गोरखपुर में आदित्य बिड़ला ग्रुप की ओर से एक पेंट फैक्ट्री लगाने की योजना है। इसको लेकर कई दौर की वार्ता भी हो चुकी है। उन्हें जमीन भी दिखायी जा चुकी है। विधानसभा चुनाव नजदीक आ जाने के कारण कंपनी ने प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की बजाय चुनाव परिणाम का इंतजार करना सही समझा। इसके साथ ही सोलर उत्पादों से जुड़ी एक कंपनी भी बड़े निवेश के लिए अधिकारियों व यहां के उद्यमियों से संपर्क कर चुकी है। यहां आकर संभावनाओं का पता लगा चुके हैं और वर्तमान में उपलब्ध सुविधाओं से संतुष्ट भी हैं। इसी तरह गोरखपुर के आला अधिकारियों से कई और उद्यमियों ने वार्ता की है और वे निवेश की इच्छा जता रहे हैं लेकिन वे चुनाव परिणाम तक कोई निर्णय लेने से बच रहे हैं। एक बड़े अधिकारी का कहना है कि ‘कई बड़े निवेशक इस समय एक दीवार पर बैठे हैं और हजारों करोड़ के निवेश के लिए विधानसभा चुनाव के परिणाम पर नजर रख रहे हैं। परिणाम यह तय करेगा कि वे दीवार के इस पार आएंगे या वापस चले जाएंगे।’
चेंबर आफ इंडस्ट्रीज के पूर्व अध्यक्ष एसके अग्रवाल का कहना है कि यहां की स्थितियों पर विश्वास करते समय लगा है। आखिरी एक साल में निवेशकों का दौरा बढ़ा है। उनका विश्वास यदि अगली सरकार पर भी बरकरार रहा तो अगले पांच साल में 20 हजार करोड़ से अधिक का निवेश केवल गोरखपुर में आएगा।
गारमेंट पार्क, प्लास्टिक पार्क, आइटी पार्क, लाजिस्टिक पार्क की तैयार हो चुकी है जमीन
गोरखपुर में उद्यमियों के सामने सबसे बड़ी समस्या निर्बाध बिजली को लेकर थी। यह समस्या पूरी तरह समाप्त हो चुकी है। एक उद्यमी का कहना है कि औद्योगिक इकाइयों के संचालन में अनावश्यक हस्तक्षेप के चलते बाहर के लोग यहां नहीं आना चाहते थे लेकिन यह समस्या भी अब समाप्त हो चुकी है। यहां के कई लोग बाहर हैं, अब वे भी आ रहे हैं। गीडा में गारमेंट पार्क, प्लास्टिक पार्क, आइटी पार्क, लाजिस्टिक पार्क की जमीन तैयार हो चुकी है और निवेशक यहां निवेश के इंतजार में हैं। औद्योगिक गलियारा भी इस दिशा में बड़ी भूमिका निभाने वाला है।
खाद कारखाना सहित करीब 10 हजार करोड़ का हुआ निवेश
पिछले पांच साल में गोरखपुर में आठ हजार करोड़ रुपये के निवेश से स्थापित खाद कारखाना सहित करीब 10 हजार करोड़ रुपये का निवेश हुआ है। गैलेंट समूह की ओर से विस्तार करते हुए सीमेंट फैक्ट्री लगाई जा रही है और स्टील प्लांट का भी विस्तार हो रहा है। करीब 500 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश से एक और सरिया फैक्ट्री लगभग तैयार है। सैनिटरी पैड बनाने की इकाई भी स्थापित हुई। 68 नई इकाइयों के लिए भूखंड आवंटित हो चुके हैं। करीब 70 भूखंड गारमेंट पार्क में भी आवंटित हो चुके हैं। एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) में रेडीमेड गारमेंट शामिल होने के बाद दूसरे प्रदेशों से भी उद्यमी आ रहे हैं।
बिजली की समस्या से जूझते थे उद्यमी
पांच साल पहले नया निवेश काफी कम थो। उद्यमी बिजली की समस्या से परेशान थे और अन्य आधारभूत संरचना भी नहीं थी। गीडा जमीन के खरीद-फरोख्त व राजनीतिक हस्तक्षेप के लिए बदनाम था। उद्यमियों को इन समस्याओं से निजात मिल चुकी है। जमीन के खरीद-फरोख्त के कारोबार पर अंकुश लगाने के लिए नियम बदल दिए गए हैं।