घर में अगर है ये एक चीज, तो नशा न करने वालों को भी हो जाएगा कैंसर

इतना तो हम सभी जानते हैं कि कैंसर एक बड़ी बिमारी है लेकिन ये भी बता दें कि ये बिमारी जितनी बड़ी है नहीं उससे ज्‍यादा बड़ा इसके प्रति लोगों के मन में डर है। जी हां आज भी कई लोग आधी जानकारी के कारण कैंसर के नाम से ही कांप जाते हैं और घबराकर सही इलाज नहीं करा पाते हैं। जरूरी नहीं की आपको कैंसर है तो आपकी मौत ही होगी अगर सही समय पर इलाज करा लिया जाए तो आप बच सकते हैं। कैंसर शब्द ऐसे रोगों के लिये प्रयुक्त किया जाता है जिसमें असामान्य कोशिकाएं बिना किसी नियंत्रण के विभाजित होती हैं और वे अन्य ऊतकों पर आक्रमण करने में सक्षम होती हैं।

कैंसर में पाई जाने वाली आनुवंशिक असामान्यताएं आमतौर पर जीन के दो सामान्य वर्गों को प्रभावित करती हैं। कैंसर को बढ़ावा देने वाले अर्बुदजीन प्रारूपिक रूप से कैंसर की कोशिकाओं में सक्रिय होते हैं, उन कोशिकाओं को नए गुण दे देते हैं, जैसे सामान्य से अधिक वृद्धि और विभाजन, क्रमादेशित कोशिका मृत्यु से सुरक्षा, सामान्य उतक सीमाओं का अभाव और विविध ऊतक वातावरण में स्थापित होने की क्षमता।

कैंसर की कोशिकाओं रक्त और लसीका प्रणाली के माध्यम से शरीर के अन्य भागों में फैल सकती हैं। लेकिन ये भी आपको बता दें कि कैंसर के 100 से अधिक प्रकार होते हैं और अधिकतर कैंसरों के नाम उस अंग या कोशिकाओं के नाम पर रखे जाते हैं जिनमें वे शुरू होते हैं- उदाहरण के लिये, बृहदान्त्र में शुरू होने वाला कैंसर पेट का कैंसर कहा जाता है, कैंसर जो कि त्वचा की बेसल कोशिकाओं में शुरू होता है बेसल सेल कार्सिनोमा कहा जाता है। शरीर कई प्रकार की कोशिकाओं से बना होता है। शरीर को स्वस्थ रखने के लिये ये कोशिकाओं वृद्धि करती हैं और नियंत्रित रूप से विभाजित होती हैं। कोशिकाएं जब पुरानी या क्षतिग्रस्त हो जाती हैं, तो वे मर जाती हैं और उनके स्थान पर नई कोशिकाएं आ जाती हैं।

वहीं कुछ लोग इस दुनिया में ऐसे भी हैं जो गुटखा नहीं खाते, दारू नहीं पीते यहां तक कि सिगरेट को हाथ नहीं लगाते फिर भी वो कैंसर जैसी बिमारी से ग्रसित हो जाते हैं तो क्‍या आपको इसकी वजह पता है? आइए हम बताते हैं इसकी वजह आपके घर में जलने वाली अगरबत्ती। जी हां चौंक गए न लेकिन ये पूरी तरह से सत्‍य है।

हाल ही में साउथ चाइना यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी की एक रिसर्च में खुलासा हुआ है कि अगरबत्ती का धुआं सिगरेट के धुएं से ज्यादा खतरनाक हो सकता है। दरअसल इसमें कुछ ऐसे केमिकल्स पाए जा रहे हैं जो आपके नाक के जरिए सीधे आपके शरीर में पहुंचकर आपके DNA पर बुरा असर डालते हैं लेकिन वहीं ये केमिकल्स बॉडी में इरिटेशन या कैंसर जैसी बीमारियां फैला सकते हैं। यदि अगरबत्ती में म्यूटेजेनिक नामक केमिकल होता है तो यह ब्लड में जाकर DNA को नुकसान पहुंचा सकता है।

वहीं आपकी जानकारी के लिए ये भी बता दें कि अगरबत्‍ती में जेनोटॉक्सिक नामक केमिकल मौजूद होता है जो आपके शरीर के अंदर में जाकर कैंसर जैसे भयानक रोग फैला सकता है या फिर इसमें सायटोटोक्सिक नामक केमिकल्स मौजूद होता है तो ये बॉडी सेल्स को नुकसान पहुंचा सकता है।

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