
आजकल के आधुनिक ज़माने में इंसान अपनी बेतरतीब दिनचर्या की वजह से बहुत सारी बीमारियों से ग्रसित है. बहुत सारी ऐसी भी बीमारिया है जो साफ़ सफाई न रखने की वजह से भी फैलती है और बहुत सारी ऐसी भी बीमारिया है जिसका मुख्य कारन किसी को पता नहीं होता और लोग ग़लतफ़हमी में उस बीमारी से और जयदा ग्रसित हो जाते है.
हमारे देश भारत में एक ऐसी ही बीमारी है जिसके बारे में अलग अलग अलग लोगो की अपनी अलग अलग मान्यता है. इस बीमारी को चिकन पॉक्स यानी माता के नाम से जाना जाता है.लेकिन ये बात किसी को नही पता हैं कि चिकन पॉक्स को आखिर में माता क्यों कहा जाता हैं.
चिकन पॉक्स यानी कि माता एक ऐसी बीमारी हैं जिसमे पूरे शरीर मे दाने निकलने लगते हैं. ये दाने पहले चेहरे पर नज़र आएंगे फिर धीरे-धीरे यह गर्दन पर और पेट पर निकलने लगते हैं ऐसे करते करते यह पूरे शरीर मे फैल जाते हैं। बहार देशों की बात करे तो चिकन पॉक्स को किसी तरह के माता के प्रकोप के रूप में नही देखा जाता हैं. वैसे यह बीमारी मुख्य रूप से गंदगी व दूषित माहौल से फैलता है. हमारे देश भारत मे इसे माता का गुस्सा या प्रकोप कहा जाता हैं. लेकिन यह बात किसी को नही पता हैं कि ऐसा क्यों हैं. तो फिर आइये जानते है इसके पीछे की सच्चाई क्या है.
दरअसल, चिकन पॉक्स को माता कहने वाला हमारा देश भारत एकमात्र ऐसा देश हैं. ऐसा इसलिए हैं क्योंकि भारत देश सदैव ही भक्ति के प्रति दृण रहा हैं। चिकन पॉक्स को माता क्यों कहा जाता हैं ये बात कोई नही जानता होगा। मान्यता के अनुसार हम सबको बनाने वाले भगवान हैं और भगवान जब चाहे तब हमें सजा व आशीर्वाद दे सकते हैं। ये बात उनके ऊपर निर्भर करती हैं कि वो किसी से खुश हैं या नाराज़. कहा जाता हैं कि जब भगवान को किसी व्यक्ति को सजा देनी होती हैं तो वह उस व्यक्ति को वह बीमारी के रूप में सजा देते हैं और ये सब हमारे कर्मो का फल होता हैं.
हमारे देश की पुरानी मान्यताओं के अनुसार हर किसी बीमारी का किसी भगवान से लेनदेन जरूर होता हैं। ऐसे ही चिकन पॉक्स यानी माता का भी सीधे तौर पर संबंध हैं।माँ दुर्गा की स्वरुप शीतला माता की पूजा करने से चेचक, फोड़ा-फुंसी, घाव आदि बीमारियां नहीं होती है। शीतला माता के दाएं हाथ में चांदी की झाड़ू होती हैं जो बीमारी फैलाने और बाएं हाथ में ठंडे पानी का बर्तन बीमारी ठीक करने का प्रतीक है.
यहां ध्यान देने वाली बात ये है कि पुराने समय में चिकन पॉक्स को ज्वरसुरा कहा जाता था। ऐसा माना जाता था कि शीतला माता की स्वरुप माँ कात्यायनी बच्चों के शरीर में आती थी और रक्त को शुद्ध करके ज्वरसुरा बैक्टीरिया को दूर करती है.
माता जी यानि की चिकन पॉक्स होने के दो ही वजह हो सकती हैं, पहली कि शीतला माता आपसे खुश हैं या दूसरी वो आपसे नाराज़।ऐसी भी मान्यता है कि माता बच्चों को खसरा जैसे रोग से बचाने के लिए उसके शरीर में आती हैं और खसरे को खत्म करके उसे स्वस्थ कर देती हैं। गौरतलब है कि अगर किसी के शरीर पर माता निकल आई हैं तो उसे मेडिकल ट्रीटमेंट नहीं दिया जाता है.
माता शीतला की 7 बहनें थी, जो नीम के पेड़ पर निवास करती थी। नीम को बैक्टीरियल इन्फेक्शन दूर करने में सबसे उपयोगी माना जाता है, इसलिए ‘चिकन पॉक्स’ या ‘माता’ निकलने पर उस व्यक्ति को नीम की पत्तियों पर सुलाया जाता है। ऐसी मान्यता इसलिए हैं क्योंकि ये सब उपाय करने से माता चली भी जाती हैं और व्यक्ति भी स्वस्थ हो जाता हैं।















