चीन के खिलाफ चार देशों ने खोला मोर्चा, बौखलाया ड्रैगन बोला- ‘मेरे खिलाफ की जा रही गुटबाजी’

लद्दाख में भारत ने चीन को तगड़ी शिकस्त दी है. दोनों देशों की सेनाएं वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के इधर-उधर तैनात हैं. इसके साथ-साथ टैंक और मिसाइलें भी तैनात कर दी गई हैं. पूरी दुनिया देख रही है कि भारत किस तरह से दगाबाज चीन को मुंहतोड़ जवाब दे रहा है. चीन की फितरत है कि दूसरे देशों की जमीन को अपना बताकर उस पर जबरन कब्जा करना. लद्दाख में गतिरोध की यही वजह है. भारत से पंगा लेने के बाद चीन पूरी दुनिया के निशाने पर है. अब अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया भारत के साथ खुलकर आ गए हैं. चीन डरा हुआ है और बौखलाहट में ऊलजलूल बोलता घूम रहा है.

लेकिन अब जो हुआ है उसके बाद चीन की बौखलाहट का स्तर क्या होगा इसका अंदाज़ा लगाना बड़ा ही कठिन होगा. चलिए अब आपको बतातें हैं कि चीन क्यों तिलमिलाया हुआ है.

भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर प्रसाद ने अपने टोक्यो दौरे से पहले कहा कि वो लोकतांत्रिक देशों से अपने सम्बन्ध मज़बूत करने से नहीं झिझकेंगे. बता दें कि जयशंकर 6 अक्टूबर को जापान की दो दिवसीय यात्रा के लिए रवाना होंगे. जय शंकर ‘चतुर्भुज सुरक्षा संवाद’ (Quadrilateral Security Dialogue) में शामिल होने के लिए जापान की राजधानी टोक्यो जा रहे हैं. अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पिओ भारत, जापान, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका के समूह ‘क्वाड’ की दूसरी मंत्रिस्तरीय बैठक में भाग लेने के लिए टोक्यो की यात्रा करेंगे, लेकिन पहले से निर्धारित योजना के अनुसार मंगोलिया और दक्षिण कोरिया इस बैढक मैं शामिल नहीं रहेंगे. 

क्वाड भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के बीच अनौपचारिक रणनीतिक वार्ता का मंच है. इस मुद्दे पर सरकार के विचारों के बारे में जानकारी रखने वाले एक सीनियर अधिकारी ने कहा, “भारत को अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ क्वाड संवाद को औपचारिक रूप से लागू करने में कोई आपत्ति नहीं है क्योंकि 2019 में UNGA के किनारे होने वाले विदेश मंत्रियों की बैठक के साथ 2017 से पहले से ही बातचीत हो रही है.”

चीन इस वार्ता से इतना खफा है कि उसने इन चार देशों के समूह के बारे में कहा है कि ये एक तरह की गुटबाजी है. चीन इन देशों पर कूटनीतिक दबाव बनाने की कोशिश में जुटा है. पूर्व एशियाई और प्रशांत मामलों के अमेरिकी सहायक सचिव डेविड स्टिलवेल ने पिछले शुक्रवार को कहा, “क्वाड इंडो-पैसिफिक सिद्धांतों को स्थापित करने, उन्हें बढ़ावा देने और सुरक्षित करने का प्रयास करता है, विशेष रूप से तब जब पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना की रणनीति, आक्रामकता, और क्षेत्र में जबरदस्ती बढ़ जाती है.” 

अब ऐसा माना जा रहा है कि चीन इस समूह पर कूटनीतिक दबाव बनाने की कोशिश कर सकता है, इसके बाद भी अमेरिकी विदेश मंत्री ने टोक्यो जाने से पहले ट्विट करते हुए कहा कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की लापरवाह आर्थिक नीतियों और पर्यावरण कार्यकर्ताओं के बेरहमी से दमन के परिणामस्वरूप चीन की पर्यावरणीय आपदाएं हुईं. दुनिया आर्थिक विकास के सीसीपी मॉडल को बर्दाश्त नहीं कर सकती. 3 अक्टूबर को ट्वीट्स की एक सीरीज में, पोम्पेओ ने कहा कि चीन दुनिया भर में प्राकृतिक संसाधनों का गैर-कानूनी रूप से शोषण करता है, जिससे दुनिया की अर्थव्यवस्था को खतरा है.

जापान के नए प्रधान मंत्री योशीहिदे सुगा ने भी अपने पहले कॉल में अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और भारतीय नेतृत्व से बात करने के बाद चीनी सर्वोपरि नेता शी जिनपिंग से बात की. क्वाड के सभी देशों के चीन के साथ अलग-अलग तरह के गंभीर मुद्दे चल रहे हैं. भारत और जापान सीमा विवादों में उलझे हैं तो अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया ट्रेड वॉर के अंत में हैं. यह समझा जाता है कि क्वाड क्रिटिकल टेक्नोलॉजी रूब्रिक के तहत, चार मंत्री 5 जी और 5 जी प्लस प्रौद्योगिकियों में सहयोग पर चर्चा करेंगे और साथ ही इंडो-पैसिफिक में सैन्य अभ्यास के दौरान अंतर को बढ़ाएंगे. एक अधिकारी ने कहा कि भारत इस महीने के अंत में बंगाल की खाड़ी में मालाबार नौसैनिक अभ्यास में ऑस्ट्रेलिया की भागीदारी पर भी विचार करेगा.

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