छेड़छाड़ की घटना से फिर शर्मसार हुई नौकरशाही


-2012 में छेड़छाड़ में जेल गए थे आईएस शशिभूषण 
-रेप के मामलें में सजायाफ्ता हो चुके है हरियाणा के डीजीपी शंभुप्रताप राठौर
-झारखंड और हिमांचल प्रदेश के दो पुलिस महानिरीक्षकों भी गए थे जेल 
-शिवानी भटनागर हत्याकांड में हाईकोर्ट से जमानत पर है आईपीएस आरके शर्मा 

योगेश श्रीवास्तव 
लखनऊ। भ्रष्टï ही नहीं यूपी के आईएएस अधिकारी रंगरंगीले भी है। हाल ही में उत्तर प्रदेश के एक और आईएएस अधिकारी नरेन्द्र प्रसाद पांडेय को पश्चिम बंगाल में एक महिला के साथ छेड़छाड़ और अभद्रता के मामलें में चुनाव आयोग की सिफारिश पर निलंबित कर दिया गया। पांडेय को चुनाव प्रेक्षक बनाकर पश्चिम बंगाल भेजा गया था। उनके खिलाफ एक महिला ने अभद्रता और छेड़छाड़ का आरोप लगाया था। जांच में प्रथमदृष्टïया उन पर लगे आरोप सही पाए गए थे जिसके आधार पर आयोग की सिफारिश पर उन्हे तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। श्री पांडेय वर्तमान में कृषि उत्पदान शाखा(एपीसी ब्रंाच)में विशेष सचिव के पद पर कार्यरत थे। यूपी में यह पहला मौका नहीं है जब इस तरह का आरोप किसी आईएएस पर लगा हो।

इससे पहले वर्ष 2012 में यूपी के ही आईएएस तथा यूपी प्राविधिक शिक्षा के विशेष सचिव शशिभूषण लाल को लखनऊ मेंल ट्रेन में एक युवती के साथ छेड़छाड़ के मामलें  में गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। अपने इस कृत्य के चलते उन्हे निलंबित किया गया था। वर्ष 2001 बैच के आईएएस अधिकारी रहे शशिभूषण लाल लखनऊ के जीआरपी थाने में छेड़छाड़ और बलात्कार का मामला दर्ज हुआ था। नरेन्द्र प्रसाद पांडेय और शशि भूषण लाल सरीखे आईएएस अधिकारियों ने इस कृत्य को अंजाम देकर इस तरह के आरोपों से घिरे अधिकारियों के नामों की फेहरिस्त को और लंबा कर दिया है। देश के दूसरे राज्यों में इस तरह की घटनाओं को अंजाम देने में आईएएस अधिकारियों के साथ आईपीएस अधिकारियों ने भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ रखी है। छेड़छाड़ बलात्कार और महिला उत्पीडऩ की शिकायतो के चलते दो राज्यों के पुलिस महानिदेशकों और दो पुलिस महानिरीक्षकों को इसी इस तरह के आरोपों के चलते निलंबित होने के साथ जेल तक जाना पड़ा।

पंजाब के डीजीपी रहे केपीएस गिल के खिलाफ आईएएस अधिकारी रूपल बजाज ने छेडख़ानी का आरोप लगाया था। मामले की गंूज दिल्ली में सत्ता के गलियारों तक सुनाई दी। मामला हाईप्रोफाइल होने के नाते बहुत जल्दी रफा-दफा हो गया। जबकि हरियाणा के पुलिस महानिदेशक रहे शंभुप्रताप सिंह राठौर पर टेनिस खिलाड़ी रूचिका गिरहोत्रा का यौन उत्पीडऩ कर उसे आत्महत्या के लिए उकसानें  के आरोप में जेल जाना पड़ा। बाद में उन्हे इसी मामलें में डेढ़ साल की सजा भी हुई। इसी तरह हरियाणा के एक अन्य आईएएस अधिकारी महेन्द्र अहलावत पर इसी तरह का आरोप लगा था। इसी तरह झारखंड में एक पुलिस महानिरीक्षक पर पीएस नटराजन पर नक्सली बाला सुषमा ने यौन उत्पीडऩ का आरोप लगाया था।

नटराजन पर यौन उत्पीडऩ के आरोप सही पाए गए थे  जिसके चलते उन्हे वर्ष 2010 में 20अक्टूबर को निलंबित कर दिया गया था। इसी तरह की एक घटना हिमांचल प्रदेश  के कोडराई इलाके  में एक महिला द्वारा उत्पीडऩ का आरोप लगाने पर एसआईटी के प्रमुख रहे आईजी जहूर जैदी को जांच के चलते सीबीआई ने वर्ष २०१७ में २९ अगस्त को गिरफ्तार किया गया था। दिल्ली के चर्चित पत्रकार शिवानी भटनागर हत्याकांड में आईपीएस अधिकारी रविकांत शर्मा को निलंबित होने से लेकर सजा होने के तक कई साल जेल में बिताने पड़े। वर्ष 2011 में उन्हे हाईकोर्ट से जमानत मिली थी। 23 जनवरी 1999 को शिवानी भटनागर की हत्या कर दी गयी थी। 

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