इंडोनेशिया के दक्षिण पूर्व सुलावेसी प्रांत के दक्षिणी हिस्से के बुटोन गांव के एक किशोर की गर्दन पर निडिल फिश ने हमला कर दिया। यह अटैक इतना खतरनाक था कि फिश का जबड़ा लड़के की गर्दन के आरपार हो गया। लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी और वह फिश को पकड़कर 90 मिनट दूर अस्पताल पहुंचा। जहां उसका ऑपरेशन किया गया। अब उसकी हालत ठीक है।
यह घटना पिछले शनिवार की है, लेकिन मामला अब सामने आया। 16 साल का मोहम्मद ईदुल स्कूल के बाद दोस्त सारडी की बोट में बैठकर फिशिंग करने गया था। दोनों तट से आधा किलोमीटर अंदर समुद्र में पहुंचे ही थे कि 75 सेंमी लंबी फिश ने गर्दन पर हमला कर दिया। दोनों ने हिम्मत नहीं हारी। ईदुल ने मछली को तेजी से अपने हाथ से पकड़ लिया। इस दौरान वह बाहर निकलने की कोशिश करती रही। ईदुल ने बताया कि वह पल बेहद डरावना था।
डॉक्टर्स ने कहा- ऐसा मामला पहले कभी नहीं देखा
ईदुल के दोस्त ने बोट को तट पर लाया और बाऊ बाऊ गांव के अस्पताल ले गया। यहां सर्जरी के पर्याप्त साधन नहीं थे, इसलिए ईदुल को मकास्सर के प्रांतीय अस्पताल रेफर किया गया। यहां पहुंचने में दोनों को करीब 90 मिनट लगे। डॉक्टर ने बताया कि सबसे पहले हमने फिश के जबड़े को धड़ से अलग किया। फिर सर्जरी की। अब वह ठीक है और तेजी से रिकवर कर रहा है। डॉक्टर्स की टीम ने दावा किया कि उन्होंने ऐसा मामला नहीं पहले कभी नहीं देखा। ईदुल की निडिल फिश के साथ वाली फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।
निडिल फिश के हमले पहले भी हुए हैं
निडिल फिश के हमले पहले सर्खियों में रहे हैं। 1977 में हवाई द्वीप के एक 10 साल के लड़के की मौत निडिल फिश के हमले में हुई थी। फिश ने उसकी आंख पर हमला किया था और उसका जबड़ा ब्रेन में घुस गया था। इसके अलावा साल 2018 के दिसंबर में थाईलैंड के नौसैनिक क्रिंग्सक पेंगपेनिच की मौत गर्दन में निडिल फिश के घुसने से हो गई थी।