
वाराणसी ब्यूरो! जनाब आप स्मार्ट सिटी वाराणसी में हैं, उक्त पंक्ति बनारस की राजनीति में इस तरह तैर रही है जैसे सड़कों पर जलजमाव में लोगों की उम्मीदें तैरती नजर आ रही हैं,हो भी क्यों ना 2014 से वाराणसी विश्व पटल पर एक स्मार्ट सिटी के रूप में अपनी पहचान बना रहा है धर्म संस्कृति की नगरी मैं मॉनसून की पहली बरसात क्या हुई मानो गंगा सड़कों पर बहने लगी वहीं विपक्षी दल इसे व्यंग कसते हुए यह कहने से बाज नहीं आ रहे हैं कि यह विकास की गंगा बह रही है वाराणसी के विधायक एवं धर्म संस्कृति मंत्री नीलकंठ तिवारी भी यहीं के रहने वाले हैं शायद लखनऊ की अब हवा में वाराणसी की दशा का शायद उन्हें अंदाजा नहीं इस बाबत जब दैनिक भास्कर ने चंद लोगों से रायशुमारी की तो लोगों ने जो कहा वह निश्चित ही सवालों के कटघरे में जवाब दे पाना बड़ा ही मुश्किल है
अरबों रुपए खर्च हो जाने के बाद भी आज वाराणसी किस सीवर लाइनें जिस तरह से चोक ले चुकी हैं कहीं न कहीं एक घोटाले को जन्म दे रही हैं सड़कों पर चलना दूभर ही नहीं नामुमकिन सा हो गया है वैसे यह हम नहीं कह रहे हैं तस्वीरें अपने आप चीज़ लिखकर बयां कर रहे हैं काश यह तस्वीरें देश के प्रधान सेवक की नजरों से गुजरती तो शायद उन्हें उन वादों की याद आती जो 2014और 2017 में बनारस की गलियों में रोड शो करने के दौरान कहा गया था बनारस वासियों को इस समस्या से निजात कैसे मिल पाएगा यह तो ईश्वर के हाथ में है लेकिन फिलहाल वादों की वैतरणी पार करने में लोगों को काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है 2022 के चुनाव में पूर्वांचल के लोग भले ही तरह-तरह के सवाल न दागे लेकिन वाराणसी के लोग उस सवालों के गोले छोड़ेंगे जिसका जवाब सत्ताधारी पार्टियों को देना पड़ेगा।










