जरा सावधान हो जाईए : बाजार में बेचे जा रहे कृत्रिम तरीके से पकाए गए फल

फाइल

शाजापुर (ईएमएस) । यदि आप बाजार में फलों की खरीदी के लिए निकले हैं तो जरा सावधान हो जाईए, हो सकता है जो फल आप अपनी तंदरूस्ती के लिए खरीद रहे हैं वह फल आपकों बीमार कर दे, क्योंकि बाजार में इन दिनों केमिकल से पकाए गए फलों की बहार आई हुई है जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो सकते हैं। रसायन से ही इन पर चमक पैदा की जा रही है। पहले फलों को काबाईड के माध्यम से पकाया जाता था जिसमें दो से तीन दिनों का समय लगता था, लेकिन अब फल व्यापारियों ने इस पकाने का नया तरीका अपना लिया है। उल्लेखनीय है कि पहले फलों को बंद कमरे में कार्बाइड की सहायता से पकाने का कार्य धड़ल्ले से किया जाता था। सूत्रों की मानें अब व्यापारियों ने कम समय में फल पकाने के लिए इथेकोन नाम के केमिकल का उपयोग करना शुरू कर दिया है जो स्वास्थ्य के लिए घातक साबित हो सकता है।

ऐसे पकाते हैं फल
जानकारों के अनुसार पहले कार्र्बाइड से फलों को पकाने के लिए बंद कमरे में फलों को रखा जाता था जिससे उसके पकने में लगभग 2 से तीन दिन का समय लगता था और कई बार फलों पर धब्बे भी बन जाते थे, किंतु अब इथेकोन केमिकल के उपयोग से महज 24 घंटे में ही फलों को पकाए जाने का कार्य किया जा रहा है। अनुशंसित मात्रा से अधिक का इस्तेमाल कर फलों को पकाया जा रहा है। इथेकोन रसायन 50 एमएल प्रतिलीटर पानी में मिलाया जाता है और उसमें फलों को डूबा कर निकाल लिया जाता है और सिर्फ 24 घंटों में पककर तैयार हो जाता है। इस केमिकल से पकाए गए फल पर किसी भी तरह के धब्बे भी नहीं बनते और वह एक दम ताजा सा दिखाई देता है।

यह परेशानी हो सकती है

इथेकोन की मदद से पकाए गए फलों को खाने से गले मेंं जलन एसीडीटी सहित अन्य परेशानियों के बढऩे की संभावना अधिक होती है। कम समय में अधिक फलों को पकाकर बेचने के चक्कर में व्यापारियों द्वारा लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। बाजार में केमिकल से पकाए गए फलों में आम, पपीता, केला प्रमुख हैं।

जुर्माने की कार्रवाई एडीएम करते हैं

खाद्य पदार्थों में मिलावट के लिए मामलों की सुनवाई के लिए एडीएम न्यायिक अधिकारी होते हैं। खाद्य एवं औषधि विभाग सेंपल लेकर जांच के लिए भेजता है। जांच में कार्रवाई के दायरे में आने पर प्रकरण दर्ज किया जाता है। इसमें भी यदि केस जुर्माने का है तो अपर कलेक्टर न्यायालय में सुनवाई होती है, जबकि यदि सजा का मामला है तो सीजेएम कोर्ट में फैसला होता है। नियमों की बात करें तो अप्राकृतिक रूप से फलों को पकाने पर 1 लाख रूपए से 7 लाख रूपए तक जुर्माना और 6 माह तक की सजा का प्रावधान है।

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