जहां लाशें बिछीं थीं वहां रातभर झटके महसूस करते रहे लोग

लहासा । तिब्बत में भूंकप में मंगलवार को 126 लोगों की जान चली गई। आज बुधवार को भी तिब्बत में सुबह-सुबह धरती डोली है। इस भूकंप की रिएक्टर स्केल पर तीव्रता 4.1 रही। अभी तक किसी के हताहत होने की खबर नहीं है, ना ही किसी प्रकार की जानमाल की क्षति खबर है। इससे पहले इस क्षेत्र में रात के 12 बजे से लेकर सुबह के 9 बजे के करीब भूकंप महसूस किए गए।

भूकंप आने के बाद वहां के निवासियों ने अपनी दुखःद कहानी सुनाई। त्सोगो के मेटोग गांव के 49 वर्षीय पासंग त्सेरिंग ने कहा, ‘पहली भूकंप की लहर भोर से पहले आई, और इससे लाइटें और फर्नीचर हिल गए। उन्होंने बताया, इसके बाद दूसरा और अधिक शक्तिशाली भूकंप आया, इसलिए मैं तुरंत बाहर भागा। मैंने पहले कभी इतना खतरनाक भूकंप नहीं देखा। पासंग नामक एक अन्य ग्रामीण ने घर का मलबा हटाते हुए कहा, अब हम सबसे अधिक इस बात को लेकर चिंतित हैं कि रात कहां बिताई जाए। गांव में कुछ अतिरिक्त टेंट हैं, और अधिकारियों ने कहा कि और भी आने वाले हैं।

क्षेत्रीय आपदा राहत मुख्यालय के अनुसार, भूकंप मंगलवार सुबह (बीजिंग समयनुसार) 9:05 बजे चीन के तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र के शिगाज़े में डिंगरी काउंटी में आया। हालांकि, अमेरिकी भूवैज्ञानिक सेवा ने भूकंप की तीव्रता 7.1 बताई है। जानकारी के अनुसार, कम से कम 126 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है तथा 188 अन्य घायल हुए हैं। चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्यों के लिए हर संभव प्रयास करने के आदेश दिए। राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने घायलों के उपचार के लिए हरसंभव प्रयास करने का आदेश दिया तथा द्वितीयक आपदाओं (भूकंप के बाद संभावित आपदाओं) को रोकने, प्रभावित निवासियों के समुचित पुनर्वास तथा इसके बाद के कार्यों को प्रभावी ढंग से करने के लिए प्रयास करने का आग्रह किया।

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