
उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तारीख़ों को लेकर ऐलान होना बाक़ी है. चुनाव की तारीख़ों को लेकर अलग-अलग अटकले चल रही हैं. अब प्रशासन ने खुलासा किया है कि पंचायत चुनाव कब से हो सकते हैं और इसके लिए क्या तैयारियां हो चुकी हैं.
पंचायत चुनाव में व्यवस्थाओं के प्रबंधन के लिए प्रभारियों की नियुक्तियां और ताबादले काम किया जा चुका है.उत्तर प्रदेश में पांच साल पहले चुने गये जनप्रतिनिधियों के अधिकार समाप्त कर दिए गये है. 5 दिसंबर से ही मौजूदा ग्राम प्रधानों के वित्तीय अधिकार भी सीज हो चुके हैं. संभावना जतायी जा रही है कि फरवरी के अंतिम सप्ताह में अधिसूचना जारी की जा सकती है. जबकि 31 मार्च से पहले चुनाव पूरे करा लिये जाएंगे.
इधर वोटर लिस्ट की स्क्रूटनी का काम भी पूरा हो चूक है और 28 दिसंबर को अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित कराने का काम किया जाएगा, जिसके बाद अगले साल तीन जनवरी तक लोग आपत्तियां दर्ज कर सकते है. इस दौरान सभी बीएलओ अपने मतदान केंद्रों पर रहेंगे और आपत्तियों पर दूर करने का काम करेंगे.
आपको बता दे की उत्तर प्रदेश में इस बार क्षेत्र पंचायत, जिला पंचायत और ग्राम पंचायत के चुनाव एक साथ कराया जाएगा. खबरों की मानें तो पंचायती राज विभाग 28 जनवरी से पांच फरवरी के बीच चुनाव का संभावित कार्यक्रम जारी कर सकता है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार योगी सरकार अप्रैल में होने वाली बोर्ड की परीक्षाओं के चलते 31 मार्च तक चुनाव समाप्त कराकर पंचायतों का गठन करा लेना चाहती है. सूत्रों की मानें तो इस बार पंचायत चुनाव 4 चरणों को होंगे.
गौरतलभ है कि नगरीय सीमा का विस्तार होने के चलते ग्राम पंचायतों और क्षेत्र पंचायतों की संख्या कम हो गई है. इनके पुनर्गठन के लिए परिसीमन का काम 15 जनवरी तक पूरा किया जाना है. आयोग की ओर से कहा गया है कि 22 जनवरी तक मतदाताओं की सूची हरहाल में तैयार कर लिया जाएगा.










