जापान, ताइवान, फिलीपींस और वियतनाम- सब करेंगे चीन पर “OPEN FIRE”

दक्षिण चीन सागर और जापान के सेनकाकु द्वीपों पर अपना प्रभुत्व बढ़ाने के लिए इस वर्ष जनवरी में चीन ने अपने कोस्ट गार्ड को “दुश्मन के किसी भी समुद्री जहाज़” पर गोली दागने की खुली छूट दे दी थी। जिनपिंग को लगा था कि इस कानून के लागू होने के बाद चीन को दक्षिण चीन सागर में खुली छूट मिल जाएगी और वियतनाम और फिलीपींस जैसे छोटे देश उसका कुछ बिगाड़ नहीं पाएंगे! लेकिन अफसोस! ऐसा हुआ नहीं और अब आलम यह है कि एक के बाद एक करके चीन के चार बड़े पड़ोसियों ने अपनी बंदूकों का रुख चीन की ओर मोड दिया है और अब क्षेत्र में युद्ध के हालात बन गए हैं।

सबसे पहले जापान की बात करते हैं। जैसे ही जापान को चीन के नए कानून के बारे में पता लगा तो जापान ने अपने कानून की व्याख्या बदलकर अपनी कोस्ट गार्ड को भी दुश्मन के जहाज़ पर ओपन फायर करने की छूट दे दी! जैसे को तैसा इसी को कहते हैं। पहले की व्याख्या के मुताबिक जापानी कोस्ट गार्ड्स self defense और आपातकालीन स्थिति में ही गोली चला सकते थे, लेकिन अब नयी व्याख्या में स्पष्ट कर दिया गया है कि “अगर कोई भी विदेशी जहाज़ सेनकाकु द्वीपों पर कब्ज़ा जमाने हेतु आगे बढ़ता है तो जापानी कोस्ट गार्ड को उसपर गोली चलाने की अनुमति होगी।” जापान के खिलाफ जिनपिंग का ये दांव चल नहीं पाया! 

दूसरी ओर फिलीपींस की ओर से भी यही रुख दिखाया गया है। फिलीपींस ने कहा है कि वह दक्षिण चीन सागर में “अपनी संप्रभुता” की रक्षा हेतु नेवी के कुछ जहाज़ तैनात करेगा। बता दें कि पिछले कुछ दिनों से चीन की करीब 200 से ज़्यादा fishing vessels फिलीपींस के विशेष आर्थिक क्षेत्र (Exclusive Economic Zone) में पड़ने वाले Whitsun Reef इलाके के आसपास तैनात हैं, जिसके कारण फिलीपींस और चीन के बीच तनाव बढ़ गया है। फिलीपींस के रक्षा सचिव Delfin Lorenzana ने चीन की इन fishing vessels को “Militia boats” का नाम देकर इन्हें जल्द से जल्द Whitsun Reef इलाका छोड़ने को कहा है। फिलीपींस सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल Edgard Arevalo ने एक बयान में कहा “क्षेत्र में नेवी के जहाजों की तैनाती को बढ़ाकर हम अपने लोगों को यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि फिलीपींस की सेना अपने देश की जलसीमाओं की सुरक्षा करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।” फिलीपींस ने अपने रुख से स्पष्ट कर दिया है कि वह चीन की आक्रामकता को स्वीकार नहीं करेगा!इसी मुद्दे पर वियतनाम ने भी चीन के खिलाफ बेहद कड़ा रुख अपनाया हुआ है। वियतनाम ने फिलीपींस के दावों का समर्थन करते हुए कहा है कि क्षेत्र में 200 से अधिक चीनी fishing vessels की मौजूदगी UN के नियमों के खिलाफ है। बता दें कि अभी Whitsun Reef इलाके पर वियतनाम के भी अपने दावे हैं और चीन के इस कदम को वियतनाम ने उसकी संप्रभुता का उल्लंघन करार दिया है। वियतनाम के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने एक बयान जारी कर कहा “ऐतिहासिक और कानूनी आधार पर यह कहा जा सकता है कि इस क्षेत्र पर वियतनाम का अधिकार है, और चीनी vessels का यह कदम गैर-कानूनी है।

अब बात ताइवान की करते हैं। अब ताइवान ने ऐलान किया है कि वह बड़ी संख्या में लंबी दूरी की मारक क्षमता वाली मिसाइल्स का उत्पादन कर रहा है, जो आसानी से चीन की राजधानी बीजिंग को निशाना बना सकती हैं। संसद में बोलते हुए ताइवान के रक्षा मंत्री Chiu Kuo-cheng ने हाल ही में कहा “लंबी दूरी तक मार करने की मिसाइल्स हासिल करना अभी हमारी प्राथमिकता है।” ताइवान ने पारंपरिक रूप से चीनी हमले को रोकने के लिए एक defensive strategy अपनाने का ही रास्ता चुना था, लेकिन अब चीन के नए कानून के बाद ताइवान ने स्पष्ट कर दिया है कि वह अपनी रक्षा के लिए आक्रामक सुरक्षा नीति भी अपना सकता है।

ये चार देश चीन के पड़ोसी होने के साथ-साथ चीन के धुर-विरोधी भी हैं। अब जब इन सब देशों ने चीन को सबक सिखाने के लिए आक्रामक रवैया दिखाना शुरू कर दिया है तो कहा जा सकता है कि जिनपिंग का ओपन फायर लॉ चीन पर ही भारी पड़ गया है, जिसके कारण क्षेत्र में युद्ध जैसे हालात पैदा हो गए हैं।

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