जिनपिंग ने दिया देश की सेना के पुनर्गठन का आदेश, जानिए क्या है ड्रैगन का प्लान

-युद्ध के लिए बनाई स्पेशल फोर्स


बीजिंग । राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने देश की सेना के पुनर्गठन का आदेश दिया है। नए बदलावों के तहत जिनपिंग ने स्ट्रैटेजिक सपोर्ट फोर्स (रणनीतिक सहायता बल) को समाप्त करने का आदेश दिया है। यह 2015 के बाद पीपल्स लिबरेशन आर्मी में सबसे बड़ा बदलाव होगाफ इस बल को 8 साल पहले बनाया गया था और इसका उद्येश्य अंतरिक्ष, साइबर, राजनीतिक और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध में क्षमताओं को बढ़ाना था।


नए बदलाव साफ बताते हैं कि चीन के आका जिनपिंग सेना को आधुनिक युद्ध की परिस्थितियों को लिए तैयार करने में जुटे हुए हैं, जिसमें इलेक्ट्रॉनिक वार की प्रमुख भूमिका होगी। रिपोर्ट के अनुसार, रणनीतिक सहायता बल की जगह जिनपिंग सूचना सहायता बल (इनफॉर्मेशन सपोर्ट फोर्स) नाम से एक नई फोर्स बनाई है। चीनी रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा, एयरोस्पेस और साइबर यूनिट पहले रणनीतिक सहायता बल के अधीन थीं। अब संगठनात्मक रूप से नव निर्मित इनफॉर्मेशन सपोर्ट फोर्स के समानांतर होंगी। नए बदलावों को शी जिनपिंग ने खास बताते हुए कहा कि नई सेना साइबर इनफॉर्मेशन सिस्टम के निर्माण और उपयोग के समन्वय में महत्वपूर्ण सहायता प्रदान करेगी। नए बदलावों में भी सेना पर चीन की कम्युनिस्ट पार्टी का नियंत्रण पहले की तरह ही बना हुआ है। ली वेई को नए बने इनफॉर्मेशन सपोर्ट फोर्स का राजनीतिक कमिश्नर बनाया गया है। इसके पहले वे समाप्त हो चुके रणनीतिक सहायता बल के लिए यही भूमिका निभा रहे थे। चीन के सरकारी टेलीविजन सीसीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, बी यी को इनफॉर्मेशन सपोर्ट फोर्स का नया कमांडर नियुक्त किया गया है।


पीएलए की नेवल रिसर्च एकेडमी के एक वरिष्ठ और रिटायर्ड शोधकर्ता काओ वेदांग के हवाले से बताया है कि पुनर्गठन से उपग्रह प्रणालियों और साइबरस्पेस की बेहतर तैनाती होगी, साथ ही इलेक्ट्रॉनिक युद्ध का संचालन भी होगा। चीन की स्ट्रैटेजिक सपोर्ट फोर्स के पिछले कमांडर जू कियानशेंग पिछले साल अचानक लापता हो गए थे। तब ये कहा गया था कि वे चीनी मिलिट्री नेतृत्व में बड़ी उथल-पुथल का शिकार हुए हैं। वे एक बार फिर से सामने आ गए हैं। हालांकि, उनकी वर्तमान स्थिति स्पष्ट नहीं है।जिनपिंग सेना का पुनर्गठन ऐसे समय में कर रहे हैं जब दुनिया में वैश्विक प्रभुत्व की लड़ाई में चीन और अमेरिका आमने-सामने हैं। साथ ही साइबर युद्ध एक प्रमुख वार जोन के रूप में उभर रहा है।

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