मिस्र का नाम आते ही मन में ममी, मकबरा, पिरामिड आने लगते हैं। क्योंकि यहां पर मिली ममी बहुत प्रसिद्द हैं। लेकिन मिस्र के इतिहास में एक ऐसी रहस्यमय ममी हुई हैं जो बहुत चर्चा में रही हैं क्योंकि जिस किसी ने भी इस ममी को छुआ है उसकी मौत हो गई। यह हैं तूतेनखामून की कब्र की ममी। दरअसल इस कब्र के नीचे बेशकीमती खजाना गड़ा हुआ था। जब उनकी कब्र खोजी गई, तो पुरातत्ववेत्ताओं को उनकी ममी के नीचे सीढ़ियां मिलीं, जिससे एक कमरे तक पहुंचने का रास्ता था। वो कमरा सोने-चांदी से भरा हुआ था।

तूतेनखामून के मकबरे के दरवाजे पर मिस्र की प्राचीन भाषा में एक चेतावनी भी लिखी हुई थी। चेतावनी में साफ-साफ लिखा हुआ था कि जो भी राजा तूतेनखामून की शांति को भंग करेगा, उसकी मौत हो जाएगी। हालांकि इसके बावजूद पुरातत्ववेत्ताओं ने उस चेतावनी को नजरअंदाज कर दिया, जिसका असर ये हुआ कि एक-एक कर हॉवर्ड कॉर्टर की टीम के सभी सदस्यों की मौत हो गई। इन सभी लोगों ने मिलकर कब्र से तूतेनखामून की ममी हटाकर खजाना निकाला था।
मौत का ये सिलसिला यही नहीं थमा, बल्कि हॉवर्ड कॉर्टर को जिस शख्स ने तूतेनखामून की कब्र और खजाना खोजने की जिम्मेदारी दी थी, उसकी भी कुछ ही महीनों में रहस्यमय तरीके से मौत हो गई। ये शख्स थे लॉर्ड जॉर्ज कारनारवन, जिन्होंने सबसे पहले तूतेनखामून के कंकाल को छुआ था।

कहते हैं कि बाद में तूतेनखामून की रहस्यमय ममी को जिन-जिन लोगों ने देखा, वो या तो पागल हो गए या किसी न किसी वजह से उनकी मौत हो गई। मिस्र के राजकुमार अली कामिल के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ था। दरअसल, वो और उनकी पत्नी दोनों उस रहस्यमय ममी को देखने पहुंचे थे, लेकिन घर लौटते ही उनकी पत्नी को न जाने क्या हुआ कि उन्होंने राजकुमार की हत्या कर दी। इन घटनाओं के बाद से उस ममी को शापित माना जाने लगा।
हालांकि बाद में हॉवर्ड कॉर्टर की मांग पर सरकार ने उस रहस्यमय ममी को फिर से उसी जगह पर दफना दिया, लेकिन कुछ सालों के बाद लॉर्ड जॉर्ज कारनारवन की बेटी लेडी एवलिन के आदेश पर फिर से उस ममी को कब्र से बाहर निकाला गया और उसे मिस्र से लंदन लाया गया, जहां उसे म्यूजियम में रखा गया। कहते हैं कि लेडी एवलिन उस ममी से इतनी प्रभावित थीं कि वो रोज म्यूजियम में उसे देखने जाती थीं। एक दिन जब वो ममी देखने के बाद बाहर आईं तो अचानक उन्हें दिल का दौरा पड़ा और उनकी मौत हो गई।