‘जो बड़े-बडे़..क्‍या हैं ये…जो भी हैं : जब लाइव टीवी पर बोलते हुए अपनी लाइनें भूल गए इमरान खान-देखे VIDEO

इस्‍लामाबाद
पाकिस्‍तान के सीनेट के चुनाव में करारी शिकस्‍त के बाद देश को संबोधित करने आए प्रधानमंत्री इमरान खान को एक शर्मनाक स्थिति का सामना करना पड़ा। दरअसल, इमरान खान अपने लाइव भाषण में विपक्ष को कोस रहे थे और इसी दौरान उनकी जुबान ही अटक गई। वह यही भूल गए कि उन्‍हें कहना क्‍या है। इमरान खान का यह वीडियो अब सोशल मीडिया पर जमकर शेयर किया जा रहा है।

विपक्ष की ओर से इस्तीफे के बढ़ते दबाव के बीच, इमरान खान ने गुरुवार को ‘लोकतंत्र का मजाक बनाने’ के लिए महागठबंधन की आलोचना की और कहा कि वह भ्रष्टाचारियों को नहीं छोड़ेंगे। खान ने राष्ट्र के नाम संबोधन के दौरान यह टिप्पणी की। वित्त मंत्री अब्दुल हफीज शेख को सीनेट चुनाव में मिली हार के मद्देनजर अपनी सरकार की वैधता को बरकरार रखने के लिए विश्वास मत हासिल करने से पहले खान ने यह संबोधन दिया।

इमरान ने मंत्रिमंडल सहयोगी के लिए व्यक्तिगत रूप से प्रचार किया
पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) के उम्मीदवार और पूर्व प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के उम्मीदवार शेख को हराकर प्रधानमंत्री खान को एक बड़ा झटका दिया, जिन्होंने अपने मंत्रिमंडल सहयोगी के लिए व्यक्तिगत रूप से प्रचार किया था। पीडीएम, खान की सरकार को गिराने के लिए पिछले साल सितंबर में गठित 11-दलीय गठबंधन है।

इमरान खान पीडीएम के नेताओं को कोसने जा रहे थे लेकिन उनके दिमाग ने ही काम करना बंद कर दिया। उन्‍हें समझ ही नहीं आ रहा था कि वह पीडीएम के नेताओं को कहें क्‍या। अंत में वह कहते हैं, ‘जो बड़े-बडे़..क्‍या हैं ये…जो भी हैं।’ इमरान खान के इस नीरस भाषण की सोशल मीडिया पर खूब मौज ली जा रही है। बाद में क्रिकेटर से नेता बने 68 वर्षीय खान ने कहा, ‘मैं कल (शनिवार) के बाद विश्वास मत हासिल करूंगा। मैं अपने सदस्यों से यह दिखाने के लिए कहूंगा उनका मुझ पर विश्वास है। अगर वे कहते हैं कि उन्हें कोई भरोसा नहीं है, तो मैं विपक्षी बेंच पर बैठूंगा।’

पीएमएल-एन और पीपीपी के क्रमशः 84 और 54 सदस्य
खान ने कहा, ‘अगर मैं सरकार से बाहर होता हूं, तो मैं लोगों के पास जाऊंगा और उन्हें देश के लिए अपना संघर्ष जारी रखने के लिए कहूंगा। मैं इन गद्दारों (जिन्होंने देश को लूटा है) को शांति से नहीं बैठने दूंगा। मैं उन्हें गद्दार कहता हूं क्योंकि वे लुटेरे हैं।’ 342 सदस्यीय नेशनल असेंबली में खान की पार्टी के 157 सदस्य हैं। विपक्षी पीएमएल-एन और पीपीपी के क्रमशः 84 और 54 सदस्य हैं। गिलानी की जीत के बाद कई विपक्षी नेताओं ने खान की भारी आलोचना की और मांग की कि उन्हें प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।

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