ट्रंप Vs iPhone in India: क्या भारत की तरक्की से डर रहा है अमेरिका?

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने Apple के CEO टिम कुक को सार्वजनिक तौर पर स्पष्ट शब्दों में कहा है कि वे नहीं चाहते कि कंपनी भारत में निर्माण करे. ट्रंप ने कहा, “मैं नहीं चाहता कि आप भारत में प्लांट लगाएं. भारत अपनी देखभाल खुद कर सकता है.”

ट्रंप के इस बयान ने भारत में Apple की मैन्युफैक्चरिंग रणनीति पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है, खासकर तब जब Apple भारत में अपने उत्पादन को चीन से शिफ्ट कर रहा है. 

“हमने चीन को झेला, अब भारत को नहीं झेलेंगे”

दोहा में एक बिजनेस कार्यक्रम के दौरान ट्रंप ने कहा, “मैंने टिम से कहा, मेरे दोस्त, मैं तुम्हारे साथ बहुत अच्छा व्यवहार कर रहा हूं. तुम 500 बिलियन डॉलर ला रहे हो, लेकिन अब मैं सुन रहा हूं कि तुम भारत में जगह-जगह फैक्ट्री बना रहे हो. मैं नहीं चाहता कि तुम भारत में निर्माण करो. तुम अगर भारत की मदद करना चाहते हो, तो वहां निर्माण करो, लेकिन हम नहीं चाहते. भारत दुनिया के सबसे ऊंचे टैरिफ वाले देशों में से एक है, वहां बेचना बेहद मुश्किल है.”

ट्रंप की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई जब Apple भारत में iPhone उत्पादन बढ़ा रहा है. टिम कुक ने हाल ही में कहा था, “अमेरिका में बिकने वाले ज्यादातर iPhones अब भारत में बनेंगे.” Apple ने 2023-24 में भारत में 1.8 लाख करोड़ रुपये ($22 बिलियन) के iPhones बनाए, यह पिछले साल के मुकाबले 60% ज्यादा है. फिलहाल Apple के पास भारत में तीन मैन्युफैक्चरिंग यूनिट हैं, दो तमिलनाडु में, एक कर्नाटक में. दो नए प्लांट्स अभी निर्माणाधीन हैं, एक Foxconn का, दूसरा Tata Group का. 

क्या भारत से पीछे हटेगा Apple?

Apple की भारत में विस्तार की योजना चीन से उत्पादन हटाकर भारत में शिफ्ट करने की थी. पर ट्रंप के इस सीधे सार्वजनिक दबाव के बाद यह स्पष्ट नहीं है कि Apple अपने फैसले पर कायम रहेगा या अमेरिका सरकार के दबाव में बदलाव करेगा.

भारत पर टैरिफ को लेकर ट्रंप का भ्रम?

ट्रंप ने दावा किया कि भारत ने “शून्य टैरिफ डील” की पेशकश की है, लेकिन भारत सरकार की ओर से अब तक ऐसा कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. ट्रंप बोले, “भारत ने हमें एक डील ऑफर की है, जिसमें कहा गया है कि अमेरिका के सामानों पर कोई टैरिफ नहीं लगाया जाएगा. लेकिन हम नहीं चाहते कि Apple भारत में प्लांट बनाए. भारत खुद अपना ख्याल रख सकता है.” 

ट्रंप का बयान, व्यापार नीति या चुनावी चाल?

यह बयान उस वक्त आया है जब अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव पास हैं. ट्रंप पहले भी “America First” नीति के तहत कई कंपनियों पर देश में ही मैन्युफैक्चरिंग करने का दबाव बना चुके हैं. यह बयान अमेरिका में रोजगार की राजनीति को साधने की कोशिश हो सकता है या फिर भारत को एक आर्थिक प्रतिद्वंद्वी के रूप में दिखाने की रणनीति. इसके अलावा Apple को चीन-भारत दोनों से खींच कर अमेरिका लाने का दबाव भी हो सकता है.

Apple जैसी बहुराष्ट्रीय कंपनियां अब ऐसी बयानबाज़ी के बीच दोहरा दबाव झेल रही हैं, एक ओर लागत कम करने की मजबूरी, दूसरी ओर अमेरिका सरकार का दबाव. अगर Apple भारत से उत्पादन घटाता है, तो इससे Make in India और PLI स्कीम को भी झटका लग सकता है.

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