
हम सभी हर रोज आए दिन अखबारों व न्यूज चैनल में फर्जीवाड़े मामले से जुड़ी खबरें सुनते हैं। कुछ न कुछ रोज ऐसा सामने आता है जिसमें पता चलता है कि लोगों को धोखा देकर और अपनी चालाकी से आसानी से बेवकूफ बना लेते हैं ये गैंग। हर रोज देश में कोई न कोई घोटाले होते ही रहते है जो की कानून के दायरे के बाहर होते है।
आज भी एक ऐसा ही मामला सामने आया है जिसे सुनकर हर किसी पांव तले जमीन खिंसक जाएगा जी हां आपको बता दें कि ये ऐसा मामला है जो किसी के साथ भी घट सकता है। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि आपको पता भी नहीं चलेगा कि कब किस समय और कहाँ पर ये घटना घट गई और आपका नुकसान भी हो जाएगा।
वैसे ये हमारे लिए कोई नई बात नहीं है क्योंकि न जाने ऐसे कितने घोटाले देश में रोजाना ही होते रहते हैं जो कि कानून के दायरे से बाहर होते हैं। इसलिए आज हम जो खबर आपको बताने जा रहे हैं वो इसी से जुड़ा हुआ है आपको बता दें कि ये मामला पैन कार्ड से सम्बंधित है जो कि तलवंडी निवासी सम्राट चड्ढा के घर का है। दरअसल हुआ ये था कि इस पैन कार्ड में डीसीएम् निवासी एक अन्य व्यक्ति का मोबाइल नंबर है लेकिन यह पैन कार्ड जिस आदमी के पास पंहुचा है उस आदमी के पास पहले से ही पैन कार्ड मौजूद है।
उन्होंने बताया कि उनका पैनकार्ड 4 फरवरी 2006 में बना था। यह फर्जी पैन कार्ड 29 जून 2017 को बना है। उनके इस पैन कार्ड के लिफाफे पर एक नंबर दिया हुआ है। बात करने पर व्यक्ति डीसीएम क्षेत्र का निकाला। उसने पैन कार्ड की जानकारी होने से मना कर दिया। हैरानी की बात तो ये है कि तलवंडी निवासी सम्राट चड्ढा को जब एक डाक आया तो उन्होंने उसे खोलकर देखा तो उनकी आँखें फटी की फटी रह गयीं क्योंकि उस लिफाफे में उनके नाम का एक फर्जी पैन कार्ड था और सबसे ज्यादा गौर करने वाली बात ये है कि उस पैन कार्ड पर किसी दूसरे आदमी की फोटो लगी हुई थी इतना ही नहीं उस पर दूसरे आदमी के हस्ताक्षर भी थे।
अब ये मामला इतने पर ही नहीं खत्म हो जाता है दरअसल इस पैन कार्ड पर जो फोन नम्बर था वह भी फर्जी ही था। वहीं इस घटना के होने के बाद सम्राट चड्ढा काफी हैरान हो गया और फिर जब उसने इस फर्जी पैन कार्ड के लिफाफे पर एक नम्बर पड़ा हुआ था उसपर बात की तो मालूम पड़ा कि वो पैन कार्ड डीसीएम क्षेत्र का है और उसने पैन कार्ड के बारे में कुछ भी बताने से मना कर दिया है।