नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने डीएनडी फ्लाई-वे का इस्तेमाल करने वाले लोगों को राहत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में साफ किया कि डीएनडी टोल फ्री रहेगा। जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली बेंच ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के 2016 में दिए फैसले को सही ठहराया है।
हाई कोर्ट ने डीएनडी फ्लाई-वे को टोल फ्री किया था। हाई कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ टोल कम्पनी नोएडा टोल ब्रिज कंपनी लिमिटेड (एनटीबीसीएल) ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एनटीबीसीएल को बिना सार्वजनिक टेंडर जारी किए ठेका दिया गया, जो पूरी तरह मनमाना और गलत फैसला था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि टोल वसूलने के लिए नोएडा अथॉरिटी और एनटीबीसीएल के बीच किया गया समझौता गलत था। इस समझौते को इस तरह बनाया गया था कि टोल कम्पनी अनंत काल तक टोल वसूलने के लिए अधिकृत कर दी गई। इस समझौते के चलते आम लोगों से कई सौ करोड़ रुपये गलत तरीके से वसूले गए।
इस मामले में 4 दिसंबर 2018 को सीएजी ने अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपी थी।
इस मामले पर पहले की सुनवाई के दौरान नोएडा टोल ब्रिज कंपनी ने कहा था कि डीएनडी फ्लाईओवर देश का सबसे अच्छा है और उसमें कोई गड्ढा नहीं है। इस पर तत्कालीन चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा था कि आप इसका क्रेडिट इस तरह ले रहे हैं जैसे आपने चांद के लिए सड़क बना दी हो। टोल ब्रिज कंपनी ने जब ये कहा था कि अगर बाद में वो केस जीत जाते हैं तो क्या डीएनडी का इस्तेमाल करने वालों के पीछे पैसे वसूलने के लिए दौड़ते फिरेंगे? इस पर बेंच ने पूछा कि अगर हार जाएंगे तो क्या पैसे लौटाने के लिए दौड़ेंगे।