तूफान’तौकते’ का असर : इन पांच जिलों में रेड अलर्ट, अति भारी बारिश की चेतावनी

जयपुर। दक्षिणी पूर्वी अरब सागर की घाटी में उठे चक्रवात तूफान तौकते ने प्रदेश में प्रवेश करने से पहले से प्रदेश में असर दिखाना शुरू कर दिया है। इसके असर से सोमवार को डूंगरपुर जिला सबसे ज्यादा प्रभावित रहा। मूसलाधार बारिश के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। डूंगरपुर के अलावा उदयपुर और झालावाड़ में बारिश हुई। वहीं, ज्यादातर जिलों में बादल छाए रहे और हल्की बारिश भी हुई।

तौकते गुजरात तट से टकरा चुका है। अब मंगलवार रात को दक्षिणी पूर्वी राजस्थान से प्रदेश में प्रवेश करेगा। 18 व 19 मई को यह तूफान प्रदेश में तबाही मचा सकता है। जिसके चलते पांच जिलों में अति भारी बारिश होने की संभावना है। मौसम विभाग ने मंगलवार को पांच जिलों में रेड अलर्ट जारी किया है। यहां 200 मिमी से अधिक बारिश हो सकती है। साथ ही 50-60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलेगी।

पूरे प्रदेश पर रहेगा असर
अति सीवियर श्रेणी के इस तूफान का असर प्रदेश के सभी 33 जिलों पर पड़ सकता है। मंगलवार व बुधवार को असर सर्वाधिक रहेगा। थंडरस्टॉर्म के साथ आंधी, तेज हवा, भारी बारिश हो सकती है। मंगलवार के लिए पांच जिलों में रेड अलर्ट व 7 जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। वहीं, बुधवार को तीन जिलों में ऑरेज अलर्ट जारी किया गया है मगर असर व्यापक रहेगा। 20 मई को असर कम होगा। वहीं इस दौरान तापमान में 4-5 डिग्री तक गिरावट होगी।



इन जिलों में अलर्ट

18 मई : 13 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट (बांसवाडा, भीलवाड़ा, चित्तौडग़ढ़, प्रतापगढ़, राजसमंद, बाड़मेर, जैसलमेर, जोधपुर, डूंगरपुर, सिरोही, उदयपुर, जालौर, पाली ) —– इनमें से पांच जिलों में अति भारी बारिश का रेड अलर्ट (डूंगरपुर, सिरोही, उदयपुर, जालौर, पाली) — इनमें से 7 जिलों में ऑरेंज अलर्ट (जोधपुर, जैसलमेर, बाड़मेर, राजसमंद, प्रतापगढ़, चित्तौडग़ढ़, बांसवाड़ा)

19 मई : अजमेर, अलवर, भीलवाड़ा, दौसा, जयपुर, झुंझुनूं, सीकर, टोंक, बीकानेर, चुरू, जोधपुर, नागौर, पाली — इनमें से तीन जिलों में ऑरेंज अलर्ट (अजमेर, नागौर, पाली)

भीनमाल व सिरोही शहर के बीच से गुजरेगा

तूफान गुजरात के डीसा से प्रदेश में जालोर के भीनमाल और सिरोही शहर के मध्य से गुजरेगा। आबू रोड भी इसके नजदीक होगा। पाली भी इसकी जद में रहेगा। बाडमेर जिले में भी बारिश होगी। वर्तमान में यह एक्सट्रीमली सीवियर साइक्लोनिक स्टॉर्म है। गुजरात तट पर आते ही इसे समुद्र से नमी मिलनी बंद हो गई है। इससे ताकत कम हो रही है। अब यह वैरी सीवियर साइक्लोनिक स्ट्रॉर्म की कैटेगरी, फिर सीवियर साइक्लोनिक स्ट्रॉम से होते हुए साइक्लोनिक स्ट्रॉम में कमजोर हो जाएगा। जोधपुर पहुंचते-पहुंचते यह डीप डिप्रेशन में रहेगा। जयपुर संभाग में केवल डिप्रेशन के रूप में पहुंचेगा।

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