बीजिंग (ईएमएस)। चीन में बुजुर्गों की आबादी बढ़ती जा रही है, जिसका असर सीधे तौर पर उनकी कार्यक्षमता पर दिख रहा है। इसकारण नौसेना को पायलटों की कमी से जूझना पड़ रहा था। चीन में लगातार युवाओं की आबादी कम हो रही है। वहीं बुजुर्गों की आबादी बढ़ती जा रही है। इसकी मुख्य वजह वन चाइल्ड पॉलिसी रही है। लेकिन अब इसका असर हर सेक्टर में दिख रहा हैं। इससे सेना भी अछूती नहीं रही है।
इसकारण चीनी नौसेना में पायलटों की कमी हो गई है। वहीं, चीन ने कमी को दूर करने के लिए अपने पायलट रिक्रूटमेंट ड्राइव में पोस्टग्रेजुएट स्टूडेंट्स को भी शामिल करने का फैसला किया है। 2024 के लिए रिक्रूटमेंट ड्राइव का ऐलान कर दिया है। इसमें पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की नौसेना ने पहली बार अगले साल पोस्टग्रेजुएट डिग्री हासिल करने वाले उम्मीदवारों को भी भर्ती होने का ऑप्शन दिया है। इस साल ही यूनिवर्सिटी ग्रेजुएट्स को भी सेना में शामिल करने का ऐलान किया है। चीन बूढ़ी होती आबादी, सेना में कम पायलटों के नौकरी छोड़ने, भर्ती के कड़े नियम और पायलटों की ट्रेनिंग पर होने वाले भारी खर्चे की वजह से चीन पायलटों की कमी से जूझ रहा है।
खबर के मुताबिक, चीन ने हाल ही में नौसेना पायलट कैडेटों के लिए अधिकतम भर्ती आयु 24 से बढ़ाकर 26 कर दी गई है। इस दायरे में अब पोस्टग्रेजुएट छात्र भी आ गए हैं। पीएलए के नोटिस में कहा गया, जैसे-जैसे नौसेना के मिशन और उसका काम बढ़ता जा रहा है, वैसे-वैसे हमारे रणनीतिक परिवर्तन में भी तेजी आ रही है। इस वजह से हाई क्वालिटी वाले सैन्य कर्मियों की मांग जरूरी हो गई है। इतना ही नहीं इस साल पीएलए नौसेना ने 15 से 16 साल के 4500 स्कूली बच्चों को भी नौसेना में शामिल किया। इन्हें तीन साल के यूथ एविएशन स्कूल प्रोग्राम में शामिल किया गया। इन सभी बच्चों को शाडोंग प्रांत के नेवल एविएशन यूनिवर्सिटी में ट्रेनिंग दी जा रही है, ताकि आगे चलकर इन्हें नौसेना में पूरी तरह से शामिल किया जा सके। 2023 में सेलेक्शन प्रोसेस में महिलाओं को भी शामिल किया गया। लेकिन अगले साल से सिर्फ पुरुषों को ही नौसेना में शामिल किया जाएगा।