त्रिवेंद्र ने पेश किया 53 हजार करोड़ रुपये का बजट

भराड़ीसैंण। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए 53,524.97 करोड़ रुपए का बजट बुधवार को सदन के पटल पर प्रस्तुत किया। मौजूदा समय में मुख्यमंत्री के पास वित्त मंत्री का भी पदभार है।

मुख्यमंत्री ने बुधवार दोपहर चार बजे ‘अंक में इस धरा की रहा हूं सदा, स्रोत हूं, अनवरत ही बहा हूं सदा। राह मेरी रही कब सहज आज तक, चीर के पत्थरों को चला हूं सदा’ पंक्तियों के साथ बजट भाषण शुरू किया। उन्होंने कहा कि यह बजट नवीन आकांक्षाओं, नवीन आशाओं एवं प्रदेश के निर्बल वर्ग की आवश्यकताओं से प्रेरित है। यह आय व्ययक राज्य की आर्थिक नीतियों के प्रति जन सामान्य की अपेक्षाओं का प्रतिबिंब है। खुश किसान, आबाद गांव, मजबूत मातृ शक्ति, युवाओं को काम, सस्ता और बेहतर इलाज, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, स्वच्छ जल, उचित पोषण इस बजट का आधार है।

 

प्रतिव्यक्ति आय में हुआ इजाफा

मुख्यमंत्री ने सदन के अंदर आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट 2019-20 को रखा। रिपोर्ट में सकल घरेलू उत्पाद में पिछले वर्ष की तुलना में 6.87 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया गया वित्तीय वर्ष 2017 18 में प्रति व्यक्ति आय 1,82,320 की गई, जबकि इस वर्ष 2018 19 में यह 1,98,738 अनुमानित है। वर्ष 2018 19 में राज्य के सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर का विश्लेषण करने पर व्यापार होटल एवं जलपान गृह में 11.30 प्रतिशत बिजली, गैस, पानी और अन्य उपयोगी सेवाओं में 10.27 प्रतिशत तथा परिवहन, भंडारण, संचार एवं प्रसारण सेवाओं में 7.87 प्रतिशत में उच्च वृद्धि दर आंकी गई, जबकि वित्तीय क्षेत्र में 0.26 प्रतिशत, कृषि क्षेत्र मैं 0.81 प्रतिशत तथा खनन एवं उत्खनन 0.82 प्रतिशत में निम्न वृद्धि धारा की गई।

बनाएं जाएंगे 12 नए रेलवे स्टेशन

ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल परियोजना के अंतर्गत न्यू ऋषिकेश शिवपुरी ,व्यासी देवप्रयाग , आक्जीलरी (सुरंग में), मलेथा, श्रीनगर, धारी देवी, तिलनी,घोलतीर, गोचर और सिवाई सहित कुल 12 रेलवे स्टेशन बनाए जाएंगे। परियोजना के तहत 2019 तक वीरभद्र से न्यू ऋषिकेश 2023 24 तक न्यू ऋषिकेश से देवप्रयाग तक और 2024 25 तक देवप्रयाग से कर्णप्रयाग तक रेलवे लाइन का संचालन का लक्ष्य निर्धारित है।

स्टांप व निबंधन से आय में बढ़ोत्तरी

वित्तीय वर्ष 2019-20 दिसंबर तक स्टांप व निबंधन विभाग को 822.46 करोड़ की आय हुई जो कि पिछले साल यानी 2018-19 में इसी अवधि में हुई कमाई 769.64 करोड़ के सापेक्ष से 6.86 प्रतिशत ज्यादा है। 2018-19 में स्टांप व प्रबंधन से 1035.35 करोड़ आय हुई।

जीएसटी में पंजीकृत व्यापारी बढ़े

जीएसटी लागू होने यानी जुलाई 2017 के बाद से राज्य में जीएसटी के तहत पंजीकृत व्यापारियों की तादाद बढ़ती जा रही है। दिसंबर 2019 तक 98,676 व्यापारी पंजीकृत हुए थे। इसके अलावा 69,898 वैट में पंजीकृत व्यापारी जीएसटी में माइग्रेट हो गए। इस तरह दिसंबर 2019 तक जीएसटी में पंजीकृत व्यापारी 1,68,570 हो गए हैं।

सुस्त हुई अर्थव्यवस्था की रफ्तार

प्रदेश की अर्थव्यवस्था की रफ़्तार सुस्त हो गई है। आर्थिक सर्वेक्षण 2019-20 खंड-1 से अर्थव्यवस्था की जो तस्वीर उभरती है, उसके मुताबिक 2018-19 में प्रदेश की विकास दर 7.84 से घटकर 6.87 प्रतिशत ही रह गई है। सरकार भले ही कृषि खनन के क्षेत्र में नई पहलों का दावा करें, लेकिन अर्थव्यवस्था के इस अहम क्षेत्र में रफ्तार संभावित खतरे की ओर संकेत करते हैं। होटल सेक्टर की वृद्धि कुछ उम्मीद जगाती है।

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